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सलानेक्स: स्वस्थ फसल की आधारशिला

14 जून 2025, इंदौर: सलानेक्स: स्वस्थ फसल की आधारशिला – देश की प्रसिद्ध कम्पनी एसएमएल लिमिटेड का नया सलानेक्स दुनिया का पहला पेटेंटेड दानेदार डीजी फार्मुलेशन वाला ऐसा उत्पाद है, जो न केवल अंकुरण से ही संतुलित पोषण की शुरुआत करता है , बल्कि लम्बे समय तक पोषक तत्वों की उपलब्धता और प्रतिरोधक क्षमता को  बढ़ाकर स्वस्थ फसल की आधारशिला रखता है।

सलानेक्स ही क्यों ?:  कम्पनी के हेड – क्रॉप न्यूट्रीशन पोर्टफोलियो मैनेजमेंट श्री अंजनी मनबंश ने सलानेक्स की बेहतरी के कई कारण गिनाते हुए बताया कि जैसे इसका डीजी फार्मुलेशन मिट्टी में सल्फर और ज़िंक के विघटन के साथ ही इन दोनों को चरणबद्ध  तरीके से उपलब्ध कराने में सहयोग करने से फसल ,पोषण को जल्दी अवशोषित कर पाती है। वहीं इसकी एसआरटी तकनीक पौधे में अंकुरण से लेकर लम्बे समय तक पोषण सुनिश्चित करती है। अंकुरण से ही संतुलित पोषण मिलने एवं अन्य पोषक तत्वों के अवशोषण होने से फसल स्वस्थ रहती है। इसका उपयोग इसलिए भी आसान है , क्योंकि सीड ड्रिल एवं अन्य बेसल उर्वरकों के साथ इसका प्रयोग करना अनुकूल है।  

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सलानेक्स के लाभ: दरअसल  सलानेक्स, स्वस्थ एवं उत्पादक फसल के लिए एक मज़बूत आधार है , जिसके अनेक लाभ हैं। इसके प्रयोग से पौधों में एक समान स्वस्थ अंकुरण, पौधों में घनी जड़ों का विकास, फसलों में पोषक तत्वों की मात्रा में सुधार ,क्षारीय मिट्टी के पी एच में सुधारहोता है।  इसके अलावा यह पौधों की आरम्भिक अवस्था में जैविक और अजैविक तनाव को सहने में भी मदद करता है।इन सब कारणों से स्वस्थ फसल से अच्छी उपज प्राप्त होने से किसानों की आय में वृद्धि होती है।

उपयोग विधि एवं मात्रा: सनालेक्स को अन्य उर्वरकों के साथ मिला सकते हैं। पंक्ति फसलों जैसे अनाज, तिलहन, दलहन आदि में  सीड ड्रिल के माध्यम से बेसल में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। सनालेक्स का उपयोग बुआई से पहले अथवा बुवाई /रोपाई के समय  करें। धान में भुरकाव विधि का प्रयोग करना चाहिए। जबकि फलों  एवं सब्जियों के लिए रिंग या स्पॉट विधि से उपयोग कर सकते हैं। उपयोग के लिए इसकी 8 किलो  /एकड़ मात्रा निर्धारित है।

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