गरीबों की लघु धान्य फसलें आज हो गई अमीरों का भोजन – श्री चौबे
कृषि विश्वविद्यालय द्वारा ‘‘खाद्य एवं पोषण सुरक्षा हेतु लघु धान्य फसले’’ पर राष्ट्रीय कार्यशाला
21 जनवरी 2023, रायपुर: गरीबों की लघु धान्य फसलें आज हो गई अमीरों का भोजन – श्री चौबे – छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा है कि कोदो, कुटकी, रागी जैसी लघु धान्य फसलों के पोषक मूल्यों तथा औषधीय गुणों के कारण वैश्वविक स्तर पर दिनो-दिन इनका महत्व बढ़ता जा रहा है। छत्तीसगढ़ में परम्परागत रूप से उगाई जाने वाली इन फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा कोदो, कुटकी एवं रागी की समर्थन मूल्य पर खरीदी किये जाने की पहल के चलते विगत दो वर्षां में इन फसलों का रकबा और उत्पादन काफी तेजी से बढ़ा है। राज्य मिलेट मिशन के तहत वर्ष 2026-27 तक इन फसलों के रकबे में 1 लाख हैक्टेयर की वृद्धि करने का लक्ष्य रखा गया है, राज्य के किसानों के रूझान को देखते हुए लगता है कि यह लक्ष्य अगले वर्ष ही हांसिल कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले इन फसलों को गरीबों की फसल कहा जाता था लेकिन अपने पोषक मूल्य एवं औषधीय गुणों के कारण आज यह अमीरों के भोजन का प्रमुख अंग बन गई है। श्री चौबे ने लघु धान्य फसलों की नवीन प्रजातियों के विकास एवं उन्नत उत्पादन तकनीकी के विकास के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। श्री चौबे आज यहां इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 37वें स्थापना दिवस के अवसर पर कृषि महाविद्यालय रायपुर के सभागार में आयोजित ‘‘खाद्य एवं पोषण सुरक्षा हेतु लघु धान्य फसले’’ राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ कर रहे थे। कार्यशाला की अध्यक्षता इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने की। कार्यशाला में विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, धरसींवा विधायक श्रीमती अनिता योगेन्द्र शर्मा, राष्ट्रीय बीज विकास निगम, नई दिल्ली की अध्यक्ष सह प्रबंध संचालक डॉ. मनिन्दर कौर द्विवेदी, छत्तीसगढ़ के कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिहं तथा विश्वविद्यालय के प्रबंध मण्डल सदस्य श्री आनंद मिश्रा उपस्थित थे। श्री चौबे ने इस अवसर पर कृषि विश्वविद्यालय परिसर में नवनिर्मित मिलेट कैफे का लोकार्पण भी किया।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा कोदो, कुटकी तथा रागी की 9 उन्नत किस्में विकसित की गई हैं जिनमें – इंदिरा कोदो-1, छत्तीसगढ़ कोदो-2, तथा छत्तीसगढ़ कोदो-3, छत्तीसगढ़ कुटकी-1, छत्तीसगढ़ कुटकी-2 तथा छत्तीसगढ़ सोन कुटकी, इंदिरा रागी-1, छत्तीसगढ़ रागी-2 तथा छत्तीसगढ़ रागी-3 शामिल हैं।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ में लघु धान्य फसलों के उत्पादन हेतु अनुसंधान एवं तकनीकी विकास, तथा इन फसलों के बीज उत्पादन एवं वितरण हेतु इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर तथा इक्रिसेट हैदराबाद, भारतीय लघु धान्य फसल अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद तथा राष्ट्रीय बीज निगम, नई दिल्ली के मध्य तीन समझौते भी किये गये। इन समझौतों पर राष्ट्रीय बीज निगम अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डॉ. मनिन्दर कौर द्विवेदी, अन्तर्राष्ट्रीय अर्धशुष्क कटिबंधीय फसल अनुसंधान संस्थान (इक्रिसेट) के उप महानिदेशक डॉ. अरविंद कुमार तथा भारतीय लघु धान्य फसल अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. हरिप्रसन्न ने हस्ताक्षर किये।
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