राज्य कृषि समाचार (State News)

राजस्थान में जनजाति उपयोजना अन्तर्गत सात दिवसीय बकरी पालन प्रशिक्षण हुआ संपन्न

03 फरवरी 2024, जयपुर: राजस्थान में जनजाति उपयोजना अन्तर्गत सात दिवसीय बकरी पालन प्रशिक्षण हुआ संपन्न – कृषि विज्ञान केन्द्र, श्योपुरिया की बावड़ी पर जनजाति उपयोजना के अन्तर्गत सात दिवसीय ( 27 जनवरी से 2 फरवरी 2024) बकरी पालन प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ। जिसमें जिले के 75 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया।

वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष प्रो. हरीश वर्मा ने कृषकों को सम्बोधित करते हुए बकरी पालन की राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अन्तर्गत चल रही योजना का लाभ उठाकर बकरी पालन को व्यवसाय के रूप में अपनाकर रोजगार का साधन बनाने की सलाह दी।

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पशुपालकों को बकरी पालन की दी जानकारी

प्रशिक्षण प्रभारी डॉ घनश्याम मीना ने प्रशिक्षण के दौरान पशुपालक प्रशिक्षणार्थियों को बकरी में होने वाले रोगों की रोकथाम, बकरी की उत्तम नस्लें, गर्भावस्था के दौरान देखभाल, बकरियों में आहार व्यवस्था, बकरी का आवास, बकरियों के लिए आहार व चारा प्रबन्धन, टीकाकरण, चारे के लिए वृक्षारोपण, वर्षभर चारा उत्पादान, पशुआहार बनाने के बारे में जानकारी दी।

प्रशिक्षण के दौरान बकरी का वजन तौलना, डी वार्मिंग (कीड़े मारने की दवाई पिलाना), टीकाकरण का समय तथा टीकाकरण की विधि, खुर काटना, उम्र का निर्धारण, आहार बनाना, टेग लगाना, बकरी के दूध से उत्पाद जैसे पनीर, मावा बनाना, रिकॉर्ड रखना, प्रसंस्करित उत्पाद जैसे मांस को पैक कर दूसरे स्थान पर भेजना संबंधित प्रायोगिक जानकारी दी गई।

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प्रशिक्षण के दौरान पशुपालन विभाग से वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. नीलकमल सक्सेना, डॉ. पंकज गुप्ता एवं डॉ. मुकेश कुमार मीणा एवं केन्द्र के वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता दीपक कुमार ने बकरियों में होने वाले विभिन्न रोगों तथा उपचार के बारे में बताया तथा बकरी पालन के विभिन्न तरीकों के बारे में जानकारी दी।

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प्रशिक्षणार्थियों को केंद्र की बकरी पालन व डेयरी प्रदर्शन इकाई का कराया भ्रमण

प्रशिक्षणार्थियों को केन्द्र की बकरी पालन इकाई व डेयरी प्रदर्शन इकाई पर भ्रमण कराया गया। जहाँ बकरी पालन के संबंध में रोजगार बढ़ाने हेतु प्रेरित किया। कार्यक्रम के समापन पर आये हुये सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए।

प्रशिक्षण में उद्यान वैज्ञानिक इंदिरा यादव, तकनीकी सहायक महेन्द्र चौधरी, लोकेश प्रजापत, चन्द्र प्रकाश श्रृंगी, शम्भू लाल पांचाल व रामप्रसाद गुर्जर ने सहयोग प्रदान किया।

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