राज्य कृषि समाचार (State News)

पराली प्रबंधन में युवा किसान की भूमिका

26 नवंबर 2025, श्योपुर: पराली प्रबंधन में युवा किसान की भूमिका – कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्री अर्पित वर्मा द्वारा पराली फ्री डिस्ट्रिक्ट को लेकर चलाई गई मुहिम को युवा किसानों का सहयोग मिल रहा है, प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण के साथ ही युवाओं के लिए यह अवसर रोजगार भी प्रदान कर रहा है। ग्राम ज्वालापुर के युवा श्री इरफान खान एक ऐसे युवा है, जिन्होंने पराली प्रबंधन के जरिये रोजगार की दिशा में नवाचार करते हुए अपने कदम बढ़ाएं  है, जिसका प्रतिफल भी उन्हें खूब मिल रहा है। सामाजिक सरोकार और प्रकृति, पर्यावरण में अपना योगदान प्रदान कर , श्री इरफान खान किसानों के  खेतों  में पराली का निशुल्क प्रबंधन कर रहे है। पराली काटने के लिए वे किसानों से किसी भी प्रकार का शुल्क नही  ले रहे है और वैज्ञानिक तरीके से धान की कटाई के बाद पराली को काटकर आगामी रबी फसल गेहूं के लिए तैयार कर रहे  हैं ।

श्री इरफान खान ने बताया कि  कि जिला प्रशासन की पराली प्रबंधन की मुहिम से प्रभावित होकर उन्होंने कृषि विभाग के माध्यम से ई-कृषि अनुदान पोर्टल पर बेलर के लिए आवेदन किया तथा 50 प्रतिशत सब्सिडी पर बेलर खरीदा, उन्होंने 8 लाख 67 हजार रुपये की राशि पूंजी के रूप में बेलर खरीदने के लिए निवेश की, लगभग इतनी ही राशि मध्य प्रदेश की सरकार द्वारा उन्हें प्रदान की गई। अनुमानित 15-16 लाख रुपये लागत का बेलर उन्हें प्रदान  किया गया, जिसका उपयोग वे अपने क्षेत्र के किसानों के यहां निशुल्क रूप से पराली प्रबंधन के लिए कर रहे है। वे बताते है कि अभी तक 600 से अधिक बीघा में पराली काटकर मशीन से गठ्ठे बनाये है, यह कार्य निरंतर जारी है। बेलर एक ऐसी मशीन है, जो स्वचलित रूप से न केवल पराली को काटती है, बल्कि उसके बंडल भी बना देती है। श्री इरफान  ने बताया  कि पराली के बंडलों  को उनके द्वारा श्योपुर में स्थापित बायोफ्यूल प्लांट को 200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से विक्रय किया जा रहा है, जिससे उन्हें मुनाफा मिल रहा है। रोजगार के रूप में उन्होंने इसे अपनाया है और वर्तमान में पराली प्रबंधन से जुडकर बेहतर लाभ हासिल कर रहे है।

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उल्लेखनीय है कि कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्री अर्पित वर्मा द्वारा पराली प्रबंधन के लिए चलाई गई मुहिम के तहत श्योपुर जिले में पहली बार बडी संख्या में किसानों ने सुपर सीडर, स्मार्ट सीडर, हैप्पी सीडर अनुदान पर क्रय किये  हैं , कुछ किसानों द्वारा बेलर भी क्रय किये गये है। युवा किसानों ने इसे रोजगार के रूप में अपनाते हुए बेलर खरीदे है और अपने-अपने क्षेत्र में किसानों के खेतों में पराली काटने और उसके बंडल बनाने का कार्य करते हुए बायोफ्यूल प्लांट को विक्रय करने का कार्य किया जा रहा है।

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