राज्य कृषि समाचार (State News)

बुजुर्गों का सम्मान, हमारी महान संस्कृति की धरोहर

12 दिसंबर 2024, भोपाल: बुजुर्गों का सम्मान, हमारी महान संस्कृति की धरोहर – राज्यपाल  मंगुभाई पटेल ने कहा कि माता-पिता, बड़े-बुजुर्गों का सम्मान हमारी महान संस्कृति की धरोहर है। उनके प्रति आदर और संस्कार घर से ही विकसित होते है। उन्होंने रामायण में उल्लेखित माता-पिता और बुजुर्गों के सम्मान पर आधारित प्रसंगों का जिक्र भी किया। राज्यपाल श्री पटेल अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस के अवसर पर प्रशासनिक अकादमी में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने मध्यप्रदेश राज्य मानव अधिकार आयोग की विषय पर आधारित “वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल, सुरक्षा, सामाजिक जिम्मेदारी, कानूनी सुरक्षा और मानव अधिकार” ‘स्मारिका’ का लोकार्पण भी किया।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि बढ़ती उम्र के साथ बुजुर्गों को अपने खान-पान और सेहत का विशेष ध्यान रखना होता है। परिजन बुजुर्गों के प्रति हमेशा संवेदनशीलता और कृतज्ञता का भाव रखे। उन्होंने मानव अधिकारों के संरक्षण के प्रति जनजागरण के प्रयासों के लिए आयोग को साधुवाद दिया। उप मुख्यमंत्री  राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि बुजुर्गों का सम्मान, हमारे संस्कारों और संवेदनशीलता से जुड़ा विषय है। वरिष्ठ नागरिक, हमारे परिवार और समाज के लिए धरोहर होते है, अनुभव का खजाना होते है। उन्होंने 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान योजना का लाभ देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार माना।  शुक्ल ने कहा कि बुजुर्ग चलते-फिरते इनसाइक्लोपीडिया होते हैं। उनके पास जीवन के हर क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं के समाधान का अनुभव है। बुजुर्ग शारीरिक रूप से कमजोर हो सकते हैं, लेकिन उनका अनुभव अमूल्य है। युवाओं को चाहिए कि वे बुजुर्गों के सान्निध्य में रहें, उनके अनुभव का लाभ लें और उन्हें सम्मान दें। वरिष्ठ नागरिकों की उपस्थिति न केवल परिवार की ताकत है, बल्कि समाज की भी अमूल्य धरोहर है। उनकी सेवा और सम्मान ही हमारी संस्कृति का आधार है। यदि हम अपने मूल्यों और परंपराओं का सम्मान करेंगे, तो निश्चित रूप से विश्व गुरु बनने की दिशा में अग्रसर होंगे। वरिष्ठ नागरिकों के प्रति कृतज्ञता और आदर की भावना ही समाज की खुशहाली की सच्ची राह है।

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