राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्यप्रदेश में सिंचाई रकबे में तेजी से इजाफा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया योजनाओं का रोडमैप

23 नवंबर 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश में सिंचाई रकबे में तेजी से इजाफा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया योजनाओं का रोडमैप – मध्यप्रदेश में सिंचाई के क्षेत्र में लगातार प्रगति हो रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि प्रदेश में विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के माध्यम से कृषि क्षेत्र में बदलाव लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2003 में प्रदेश का सिंचाई रकबा केवल 3 लाख हेक्टेयर था, जो अब बढ़कर लगभग 50 लाख हेक्टेयर हो चुका है। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2028-29 तक सिंचाई क्षमता को 1 करोड़ हेक्टेयर तक पहुंचाने का है।

सरकार ने सिंचाई परियोजनाओं के लिए 2024-25 के बजट में 13,596 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इस राशि का उपयोग निर्माण और संधारण के लिए किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब किसानों को दो की बजाय तीन फसलें उगाने का मौका मिल रहा है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो रही है।

केन-बेतवा लिंक परियोजना: बुंदेलखंड को राहत

जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि केन-बेतवा लिंक परियोजना मध्यप्रदेश की एक प्रमुख सिंचाई योजना है। इस परियोजना के तहत बुंदेलखंड क्षेत्र के छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी और दमोह जिलों में 4.5 लाख हेक्टेयर में माइक्रो इरिगेशन की सुविधा दी जाएगी। इसके साथ ही दतिया जिलों में 2.06 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। झांसी जिलों में 2.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के साथ पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
परियोजना के अंतर्गत दौधन बांध, लिंक नहर और अन्य कार्य किए जा रहे हैं। इसके साथ ही 103 मेगावाट जलविद्युत और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा।

दूसरे चरण में इन जिलों को मिलेगा लाभ

परियोजना के द्वितीय चरण की डीपीआर राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण द्वारा वर्ष 2014 में तैयार की गई। इसके अंतर्गत मध्यप्रदेश द्वारा बेतवा कछार में अंतिम रूप से प्रस्तावित 3 परियोजनाएं: बीना परिसर से 96 हजार हेक्टेयर, कोटा बैराज से 20 हजार हेक्टेयर तथा लोअर ओर परियोजना से 90 हजार हैक्टेयर सिंचाई प्रस्तावित है। साथ ही परियोजनाओं से 66.7 मिलियन घन मीटर पेयजल एवं मांग आधार पर उद्योगों हेतु जल का प्रावधान रखा गया है। परियोजना की सभी वैधानिक स्वीकृतियां प्राप्त हो चुकी हैं। मध्यप्रदेश में द्वितीय चरण की परियोजना का कार्य प्रगति पर है। परियोजना के कार्यान्वयन के लिए मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश एवं केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय के बीच एक त्रिपक्षीय सहमति ज्ञापन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में हस्ताक्षरित किया गया। परियोजना के क्रियान्वयन के लिए केंद्रीय मंत्रि-परिषद द्वारा 44 करोड़ 605 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। परियोजना को 8 वर्षों में पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

अन्य महतवपूर्ण योजनाए

पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना एक अन्य महत्वपूर्ण परियोजना है, जिसके लिए मध्यप्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ है। इस परियोजना से प्रदेश के 10 जिलों को लाभ मिलेगा। केन-बेतवा लिंक परियोजना, संशोधित पार्वती-कालीसिंध परियोजना और नर्मदा घाटी की अन्य प्रस्तावित महत्वपूर्ण परियोजनाओं से प्रदेश में 19 लाख 25 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा बढ़ेगी। प्रदेश में “पर ड्रॉप मोर क्रॉप” के उद्देश्य की पूर्ति के लिए 133 वृहद् एवं मध्यम प्रेशराइज्ड सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली आधारित परियोजना निर्माणाधीन है। प्रदेश में 1320 करोड़ रुपए की लागत वाली चितरंगी दाब युक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना स्वीकृत हुई है। इस परियोजना से सिंगरौली जिले में 32 हजार 125 हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्र विकसित होगा। इसी प्रकार 4197 करोड़ 58 लाख रुपए की लागत से जावद-नीमच दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना को भी स्वीकृत किया गया है। नीमच जिले में इस परियोजना से 18 हजार 600 हेक्टेयर में सिंचाई क्षेत्र विकसित होगा।

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