राजस्थान की मंडियां होंगी डिजिटल, ई-मंडी प्लेटफॉर्म से किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
18 नवंबर 2024, जयपुर: राजस्थान की मंडियां होंगी डिजिटल, ई-मंडी प्लेटफॉर्म से किसानों को मिलेगा सीधा लाभ – राजस्थान सरकार ने राज्य की मंडियों को डिजिटल बनाने और किसानों के लिए कृषि उपज बेचने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। बजट 2024-25 में घोषित ‘खेत से खरीद’ योजना के तहत ई-मंडी प्लेटफॉर्म का विकास किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए सरल और पारदर्शी माध्यम प्रदान करना है।
शासन सचिव, कृषि एवं उद्यानिकी, श्री राजन विशाल ने बताया कि ई-मंडी प्लेटफॉर्म के माध्यम से मंडियों में पूरी प्रक्रिया, जैसे आवक-जावक गेट पास, ई-ऑक्शन और ई-भुगतान, पूरी तरह ऑनलाइन होगी। व्यापारियों को किसी भी स्थान से बोली लगाने का अवसर मिलेगा, जिससे भौतिक उपस्थिति की आवश्यकता खत्म हो जाएगी।
मध्यप्रदेश के ई-मंडी मॉडल का अध्ययन
राजस्थान के कृषि विपणन विभाग ने इस पहल के तहत मध्यप्रदेश के ई-मंडी प्लेटफॉर्म का अध्ययन करने के लिए एक प्रतिनिधि मंडल उज्जैन और देवास की मंडियों में भेजा। इन मंडियों में ई-अनुज्ञा, ई-ऑक्शन और फार्मगेट जैसी सुविधाएं संचालित हैं। अध्ययन के बाद यह सुझाव दिया गया कि इन सुविधाओं को राजस्थान में लागू किया जा सकता है।
किसानों और व्यापारियों को होंगे ये लाभ
कृषि विपणन निदेशक, श्री राजेश चौहान ने बताया कि ई-मंडी प्लेटफॉर्म विकसित होने से किसानों को राज्य की किसी भी मंडी में अपनी उपज बेचने की सुविधा मिलेगी। वे अपने खेत से ही ऑनलाइन माध्यम से अपनी फसल का विक्रय कर सकेंगे। इससे किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिलने की संभावना बढ़ेगी।
ई-मंडी प्लेटफॉर्म के तहत:
- व्यापारियों को किसी भी स्थान से बोली लगाने की सुविधा मिलेगी, जिससे मंडियों में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
- किसान अपनी उपज को मांग और पूर्ति के आधार पर बेचने का निर्णय ले सकेंगे।
- मंडी समिति को सभी पंजीकृत व्यापार, किसान रिकॉर्ड, मंडी शुल्क, फसल के भाव और आवक-जावक का डेटा एक स्थान पर उपलब्ध होगा।
- ई-भुगतान की प्रक्रिया से लेनदेन सरल और सुरक्षित होगा।
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