राजस्थान बीज प्रमाणीकरण की बैठक: कृषि के नए आयामों पर चर्चा
29 जुलाई 2024, जयपुर: राजस्थान बीज प्रमाणीकरण की बैठक: कृषि के नए आयामों पर चर्चा – राजस्थान के पंत कृषि भवन के समिति कक्ष में बुधवार को राजस्थान राज्य बीज एवं जैविक प्रमाणीकरण संस्था के संचालक मण्डल की 44वीं वार्षिक साधारण एवं 78वीं साधारण बैठक का आयोजन हुआ। इस बैठक की अध्यक्षता प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी श्री वैभव गालरिया ने की।
बैठक में निदेशक श्री कैलाश चंद मीणा ने पीपीटी के माध्यम से संस्था के कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि संस्था का संचालन 13 सदस्यीय संचालक मण्डल द्वारा किया जाता है, जिसमें प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी अध्यक्ष होते हैं और निदेशक सचिव होते हैं। संस्था द्वारा फसलों की अधिसूचित किस्मों का प्रमाणीकरण भारतीय न्यूनतम बीज प्रमाणीकरण मानकों के अनुसार किया जाता है। जैविक प्रमाणीकरण का कार्य 2007 से एपीडा द्वारा मान्यता प्राप्त है।
संस्था का उद्देश्य अधिसूचित किस्मों के बीजों को प्रमाणित करना और बीज उत्पादक संस्थाओं एवं कृषकों को उपलब्ध करवाना है। वर्तमान में 300 सार्वजनिक और निजी संस्थाएं प्रमाणित बीज उत्पादन में कार्यरत हैं। राज्य में 207 बीज विधायन केन्द्र हैं, जिनमें से 72 सार्वजनिक और 135 निजी क्षेत्र के हैं।
राजस्थान जैविक प्रमाणीकरण संस्था का उद्देश्य राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम के मानकों के तहत जैविक प्रमाणीकरण सेवाएं प्रदान करना है। प्रमाणीकरण की दरें निजी संस्थाओं से कम हैं, जिससे छोटे और आर्थिक रूप से कमजोर कृषक भी प्रमाणीकरण प्रक्रिया से जुड़ सकते हैं। संस्था राजस्थान के अलावा अन्य 22 राज्यों में भी जैविक उत्पादन, प्रसंस्करण, व्यापार, पशुपालन और वन उत्पादन संग्रहण के प्रमाणीकरण का कार्य करती है।
बैठक में आयुक्त कृषि श्री कन्हैया लाल स्वामी, प्रोफेसर उम्मेद सिंह, आचार्य (शस्य विज्ञान) एवं सह अधिष्ठाता, सह आचार्य पादप एवं प्रजनन एवं आनुवांशिकी डॉ. सुभाष चंद शर्मा और प्रमाणीकरण संस्था के अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।
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