राज्य कृषि समाचार (State News)

दलहनी फसल गडमल को मिलेगी पहचान

26 दिसम्बर 2022, बैतूल: दलहनी फसल गडमल को मिलेगी पहचान – कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा दलहनी फसल गडमल को पहचान दिलाने एवं इसके संरक्षण हेतु राष्ट्रीय पादप आनुवांशिक संसाधन ब्यूरो, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के सहयोग से गत दिनों विकासखंड भीमपुर के ग्राम दामजीपुरा में गडमल दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय पादप आनुवांशिक संसाधन ब्यूरो नई दिल्ली के वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप त्रिपाठी, कृषि विज्ञान केन्द के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. व्हीके वर्मा, वैज्ञानिक डॉ. आरडी बारपेटे एवं डॉ. मेघा दुबे ने भाग लिया।

कार्यक्रम में डॉ. आरडी बारपेटे ने बताया कि जिले के विकासखंड भीमपुर के आदिवासी गांवों-दामजीपुरा, बटकी, डुलारिया, गोबरबेल जैसे लगभग 25 गांवों के आदिवासी कृषकों द्वारा उगाई जाने वाली गडमल एक नई दलहनी फसल है, जिसकी देश या विश्व स्तर पर कहीं कोई वैज्ञानिक पहचान नहीं है। यह फसल लेट खरीफ यानी सितंबर माह में बोई जाती है, लगभग 90 दिन में पककर तैयार होती है। प्राकृतिक कारणों से खरीफ की प्रमुख फसलें असफल होने पर इसका उत्पादन लिया जा सकता है। डॉ. बारपेटे ने बताया कि यह दलहनी फसल आदिवासियों के द्वारा दाल के रूप में एवं इसका आटा बनाकर रोटी के रूप में उपयोग की जाती है। पीढ़ियों से यह फसल आदिवासियों के द्वारा उगाई जा रही है एवं खाने के अलावा आदिवासियों द्वारा उनके धार्मिक अनुष्ठान में भी इसका प्रयोग किया जाता है। विषाणु रोग मोजेक के प्रकोप से इसका क्षेत्रफल एवं उत्पादन कम हुआ है।

कार्यक्रम में राष्ट्रीय पादप आनुवांशिक संसाधन ब्यूरो नई दिल्ली के वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप त्रिपाठी द्वारा गडमल के बीज, पौधे, फूल आदि के नमूने एकत्र किए गए। वैज्ञानिक अध्ययन के पश्चात इस फसल को देश और विश्व के स्तर पर पहचान एवं संरक्षण मिलने की संभावना है। कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा इस फसल को जिले के नाम पर जीआई टेग दिलवाने हेतु प्रयास किये जा रहे हैं।

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