अवशेष को जलाने से रोकने के लिये प्रतिबंधात्मक आदेश जारी
24 मार्च 2025, गुना: अवशेष को जलाने से रोकने के लिये प्रतिबंधात्मक आदेश जारी – कलेक्टर श्री किशोर कुमार कन्याल ने जिले में गेहूं/धान की फसल की कटाई उपरांत उनके अवशेष को जलाने से होने वाले प्रदूषण एवं आगजनी की घटनाओं से आमजन के स्वास्थ एवं उनकी जानमाल की सुरक्षा तथा भूमि की उर्वरा शक्ति नष्ट न हो इसे दृष्टिगत रखते हुए जनहित में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 (1) के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये गये हैं।उक्त आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा तथा दिनांक 21 मई 2025 तक प्रभावशील रहेगा।
गेहूं /धान के अवशेषों को खेतों में ही अंधाधुंध तरीके से जलाए जाने को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित करते हुए निर्देशित किया गया है कि जो भी व्यक्ति/संस्था यदि ऐसा करते हुए पाए जाते है तो उसे नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशानुसार पर्यावरण मुआवजा अदा करना होगा। जिसमें 02 एकड़ या उससे कम भूमि धारक 2500/- रुपये प्रति घटना, 02 एकड़ से अधिक लेकिन 05 एकड़ से कम भूमि धारक 5000/- रुपये प्रति घटना एवं 05 एकड़ से अधिक भूमि धारक को 15000/- रुपये प्रति घटना देने होगें। जिले में गेहूं/धान की फसल काटने के उपरांत अवशेष कोई भी कृषक अपने खेत पर नहीं जला सकेंगे अर्थात फसल काटने के उपरांत उनके अवशेषों को जलाना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा तथा प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये गये हैं।
जारी आदेशानुसार हार्वेस्टर मशीन संचालकों को यह अनिवार्य होगा कि वे हार्वेस्टर मशीन के साथ-साथ भूसा बनाने की मशीन (स्ट्रा रीपर) लगाकर फसल कटाई के बाद अवशेष से स्थल पर ही भूसा बनाकर अवशेष का निपटान करेंगे। प्रत्येक कम्बाईन हार्वेस्टर संचालक फसल कटाई प्रारंभ करने के पूर्व सहायक कृषि यंत्री, कृषि अभियांत्रिकी गुना कार्यालय में अपना पंजीयन करेंगे तथा फसल कटाई पंजी का संधारण सहायक कृषि यंत्री के निर्देशानुसार करेंगे। स्ट्रा रीपर के उपयोग कराये बिना यदि कोई कृषक फसल कटवाने हेतु दबाव बनाता है तो संबंधित कम्बाईन हार्वेस्टर संचालक इसकी सूचना तत्काल संबंधित ग्राम पंचायत निगरानी अधिकारी/पंचायत सचिव या संबंधित पुलिस थाने को देगा। हार्वेस्टर मशीन एवं स्ट्रा रीपर (भूसा बनाने के संयंत्र) से भूसा बनाने के दौरान निकलने वाली चिंगारी से आगजनी की घटना को रोकने हेतु मशीन संचालक अग्नि सुरक्षा संयंत्र के साथ-साथ आग बुझाने के लिए रेत एवं पानी की व्यवस्था भी सुनिश्चित करेंगे।खेतों के आसपास लगे ट्रांसफार्मर से कभी-कभी चिंगारी/शार्ट सर्किट से भी आगजनी की घटनाएं हो जाती है, ट्रांसफार्मर से फसल नष्ट होने का खतरा तो नहीं है, खतरे की स्थिति में किसान की सहमति से ट्रांसफार्मर के आसपास 10X10 फीट क्षेत्र को खुला रखा जावे। ताकि शोर्ट सर्किट से कोई भी फसल हानि न हो सके।इसके दृष्टिगत अधीक्षण यंत्री म.प्र. राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमि. यह सुनिश्चित करेंगे कि खेतों के आस-पास लगे ट्रांसफार्मर की निरंतर मॉनिटरिंग हो।
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