राज्य कृषि समाचार (State News)

विदिशा में कृषक वैज्ञानिक परिचर्चा में उन्नतशील कृषकों ने साझा किए अनुभव

11 नवंबर 2024, विदिशा: विदिशा में कृषक वैज्ञानिक परिचर्चा में उन्नतशील कृषकों ने साझा किए अनुभव – आत्मा परियोजना अंतर्गत कृषक वैज्ञानिक परिचर्चा में कलेक्टर श्री रौशन कुमार सिंह भी शामिल हुए। कार्यक्रम में उन्नतशील कृषकों द्वारा कलेक्टर के समक्ष उन्नतशील कृषक होने में आत्मा परियोजना और शासकीय योजनाओं का क्या योगदान रहा ,के अनुभव साझा किए गए हैं। उन्नतशील कृषकों द्वारा की जा रही उन्नतशील खेती के विभिन्न पहलुओं पर जैसे- फसल उत्पादन, मार्केटिंग, शुद्ध लाभ, फसल विविधकरण, फसल जोखिम, कृषि में आ रही  समस्याओं  एवं निराकरण तथा कृषि विभाग के मार्गदर्शन से खेती में होने वाले परिवर्तनों पर भी चर्चा की गई।

 फसल विविधीकरण को अपनाएं– कलेक्टर श्री सिंह ने किसानों से  उन्नतशील कृषक बनने में शासन की योजनाओं का लाभ लेकर वह कृषि क्षेत्र में अग्रसर हो कृषि क्षेत्र हो, पशुपालन क्षेत्र हो या जैविक खेती की बात हो इन सभी विषयों पर उन्होंने विस्तृत प्रकाश डाला  उन्होंने कहा  कि कृषि विभाग और आत्मा परियोजना अंतर्गत कृषक  विभाग के सहयोग से जानकारी लेकर कृषि क्षेत्र में कार्य करें जिससे उत्पादन में बढ़ोतरी हो सके। उन्होंने कहा कि कई सारे  एप  भी हैं जिनकी मदद से हम जानकारी प्राप्त कर सकते हैं । भारत सरकार द्वारा भी कृषि क्षेत्र में कई सारे ऐप चलाए जा रहे हैं जिनको डाउनलोड कर समय-समय पर हम कृषि क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों में मदद ले सकते हैं। कृषक  एक फसल पर निर्भर न रहकर फसल विविधीकरण को अपनाएं । खेती के विभिन्न आयाम जैसे- पशुपालन, मुर्गी पालन, मछली पालन, फल एवं फूल उत्पादन आदि को अपनी क्षमता अनुसार एक साथ  अपनाएं , इससे जोखिम कम होगा , खेती तथा कृषक का  समग्र विकास होगा। कृषक अपने उत्पादन का मूल्य  संवर्धन  कर मार्केटिंग द्वारा अधिक लाभ कमा सकते हैं।

  किसानों के अनुभव –  विदिशा विकासखंड के उन्नतशील कृषक श्री बृजकिशोर राठी ने कृषि क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्यों और उत्पादन बढ़ाने तथा मुनाफा अर्जित करने के संबंध में अपने अनुभव साझा किये। उन्होंने अवगत कराया कि वह शासन की योजना अंतर्गत हॉलैंड और इजराईल में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। विदेश में प्रशिक्षण प्राप्त कर उन्होंने कृषि क्षेत्र में उन सभी गतिविधियों का प्रयोग किया है उन्होंने बताया कि किस तरह सिंचाई, पलेवा और उत्पादन बढ़ाने के लिए किन-किन प्रयोगों को करना चाहिए को इन सबको उन्होंने स्वयं अमल में लाया और अन्य कृषकों को भी इस संबंध में समय-समय पर अवगत कराते हैं।  ग्यारसपुर विकासखंड के कृषक श्री नितिन दांगी ने उनकी डेयरी पशुपालन गतिविधि से संबंधित अनुभव साझा किये। उन्होंने अवगत कराया कि वह पशुपालन के क्षेत्र में कई वर्षों से कार्य कर रहे हैं। शासन की योजनाओं का लाभ भी मिला है विभिन्न प्रजातियों के पशु उनके पास है। पशुपालन के क्षेत्र में अच्छा मुनाफा भी अर्जित किया है उन्होंने अन्य कृषकों को भी पशुपालन के क्षेत्र में अग्रसर होने का सुझाव दिया।  कृषक श्री सरदार सिंह रघुवंशी ने उद्यानिकी खेती के लिए शासन की योजनाओं की प्रशंसा  की और बताया कि उद्यानिकी विभाग द्वारा फल-फूल और सब्जी की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया गया था। जिस पर उन्होंने एक बीघा में गोभी की सब्जी का उत्पादन शुरू किया। वर्तमान की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि आज वह 20 हजार की लागत से 90 हजार से एक लाख तक का मुनाफा अर्जित कर लेते हैं। वह गुना और आरोन सहित अन्य शहरों में सब्जी का विक्रय करते हैं। अब उन्होंने सब्जी उत्पादन को बढ़ाने का विचार  किया है।  इस क्षेत्र में बस अच्छी देखरेख की आवश्यकता होती है। नटेरन के ग्राम बाढ़मेर के कृषक श्री शिवेंद्र सिंह राजपूत ने  बताया कि वह जैविक खेती के साथ-साथ औषधीय खेती भी करते हैं। जिसमें वह आंवला और विभिन्न प्रकार के मसालों का भी उत्पादन करते हैं। वह अपनी तीन हेक्टेयर भूमि में यह कार्य कर रहे हैं जिसमें उन्हें कम लागत में अधिक मुनाफा प्राप्त होता है।   कृषक श्री शिवेंद्र सिंह  कार्यक्रम में जैविक खेती के माध्यम से तैयार किए गए प्रोडक्ट भी साथ लेकर आए थे। उन्होंने कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों को उनके द्वारा जैविक खेती के माध्यम से तैयार कराए गए प्रोडक्ट का अवलोकन कराया।

पौधरोपण – कलेक्टर श्री  रोशन  कुमार सिंह सहित अन्य  कृषकों ने वैज्ञानिक परिचर्चा कार्यक्रम के उपरांत पंजाब नेशनल बैंक कृषक प्रशिक्षण केंद्र परिसर में पौधरोपण कार्यक्रम में सहभागिता निभाई । इस दौरान कलेक्टर श्री सिंह ने नारियल का पौधा रोपित किया । कृषि महाविद्यालय गंजबासौदा के कृषि वैज्ञानिक डॉ. सतीश शर्मा, डॉ. आराधना कुमारी एवं डॉ. प्रीति  चौहान ने  कृषकों को वैज्ञानिक तरीके से कृषि करने की सलाह दी। उन्होंने कृषकों को मिट्टी परीक्षण कर अनुशंसा के आधार पर उर्वरक उपयोग करने की सलाह दी, साथ ही बीज उपचार कर प्रमाणित बीज एवं उचित बीज दर पर फसलो के बुवाई करने की भी सलाह दी। कृषको को खेती को लाभ धंधा बनाने हेतु एवं कम लागत में अधिक उत्पादन करने हेतु कृषि के साथ-साथ उद्यानिकी, पशुपालन एवं प्राकृतिक खेती करने के संबंध में विस्तृत जानकारी  कृषकों  को दी  गई । कार्यक्रम का संचालन श्री अशोक रघुवंशी एटीएम आत्मा द्वारा किया गया, कार्यक्रम में पीएनबी कृषक प्रशिक्षण केन्द्र डायरेक्टर श्री अजय सिंह परिहार , उप संचालक कृषि श्री के.एस.खपेडिया, उप संचालक पशु चिकित्सा  , सहायक संचालक उद्यानिकी, सहायक कृषि यंत्री, सहायक संचालक कृषि श्री महेन्द्र कुमार ठाकुर, एसएडीओ श्री आर.के.शर्मा अधिकारी मौजूद रहे।

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