राज्य कृषि समाचार (State News)किसानों की सफलता की कहानी (Farmer Success Story)

गोबर गैस से जैविक खाद तक: देवेंद्र परमार को राष्ट्रीय गोपाल-रत्न पुरस्कार

26 नवंबर 2024, भोपाल: गोबर गैस से जैविक खाद तक: देवेंद्र परमार को राष्ट्रीय गोपाल-रत्न पुरस्कार – मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के किसान श्री देवेंद्र परमार को देश के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय गोपाल-रत्न पुरस्कार 2024 में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है। उन्हें यह पुरस्कार देशी गायों की नस्ल सुधार और डेयरी क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जा रहा है। केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित समारोह में उन्हें सम्मानित करेंगे।

देवेंद्र परमार: एक प्रेरणादायक दुग्ध उद्यमी

श्री देवेंद्र परमार शाजापुर जिले के पटलावदा गांव के निवासी हैं। वह शुजालपुर दुग्ध उत्पादन समिति और भोपाल दुग्ध संघ के सक्रिय सदस्य हैं। उन्होंने अपने फार्म देव डेयरी के माध्यम से देशी गायों की नस्ल सुधार और पैकेज्ड दूध की बिक्री में नई मिसाल कायम की है।

उनके फार्म में गोबर गैस संयंत्र भी स्थापित है, जिससे वह बड़ी मात्रा में गैस का उत्पादन करते हैं। साथ ही जैविक खाद बेचकर अतिरिक्त आमदनी भी प्राप्त करते हैं। उनके प्रयास पशुपालन को व्यावसायिक रूप से लाभकारी बनाने के उदाहरण हैं।

राष्ट्रीय गोपाल-रत्न पुरस्कार: पशुपालकों को प्रोत्साहन

राष्ट्रीय गोपाल-रत्न पुरस्कार देशी नस्लों के संरक्षण और विकास के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों, कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों और डेयरी सहकारी संस्थाओं को सम्मानित करता है।

पुरस्कार की श्रेणियां:

  • सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान
  • सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन
  • सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी/दूध उत्पादक कंपनी

पुरस्कार में नकद राशि, प्रमाण-पत्र और स्मृति चिन्ह शामिल हैं। इस वर्ष 2574 ऑनलाइन आवेदनों में से चयनित व्यक्तियों को सम्मानित किया जा रहा है।

राष्ट्रीय गोकुल मिशन: स्वदेशी नस्लों का संरक्षण

भारत की स्वदेशी गायों की नस्लों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन 2014 में शुरू किया गया। इसका उद्देश्य इन नस्लों के संरक्षण और उत्पादकता को बढ़ाना है। यह पहल देश की कृषि अर्थव्यवस्था में पशुपालन और डेयरी क्षेत्र की भूमिका को और मजबूत कर रही है।

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