राज्य कृषि समाचार (State News)

पांढुर्ना में उपार्जन केंद्रों पर अधिसूचित फसलों की खरीदी शुरू नहीं

06 अप्रैल 2024, पांढुर्ना(उमेश खोड़े, पांढुर्ना):पांढुर्ना में उपार्जन केंद्रों पर अधिसूचित फसलों की खरीदी शुरू नहीं – पांढुर्ना ब्लॉक में निर्धारित किए गए 5 उपार्जन केंद्रों पर अधिसूचित गेहूं, चना और सरसों फसल की खरीदी अभी तक शुरू नहीं हुई है। इसमें संबंधित विभागों द्वारा व्यापक प्रचार -प्रसार  नहीं करने से कम पंजीयन/कम स्लॉट बुकिंग ,उपार्जन केंद्रों पर बारदानों की कमी तथा किसानों को नकद राशि की ज़रूरत के चलते व्यापारियों को सीधे उपज  बेचने का कारण सामने आया है।

उल्लेखनीय है कि पांढुर्ना में वृहत्ताकार सेवा सहकारी संस्था , नादनवाड़ी , विपणन सहकारी समिति , मर्या . पांढुर्ना ,सेवा सहकारी समिति , मर्या. सिवनी बाजार ,सेवा सहकारी समिति ,खैरीपैका और सेवा सहकारी संस्था , तिगांव को उपार्जन केंद्र बनाया गया है। लेकिन कई पंजीकृत किसानों ने अभी तक अपना स्लॉट बुक नहीं कराया है, वहीं दूसरी ओर उपार्जन केंद्रों पर अभी तक बारदाना भी नहीं पहुंचा है। इस कारण भी खरीदी प्रभावित हो रही है। एक अन्य  कारण  नकद राशि की ज़रूरत के चलते  किसानों द्वारा अपनी उपज व्यापारियों को बेचना भी माना जा रहा है ।

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पांढुर्ना ब्लॉक में 995 किसानों का पंजीयन – श्री सुनील गजभिए , वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी,पांढुर्ना ने बताया कि पांढुर्ना विकासखंड में गेहूं के 658, चना के 286 और सरसों के 51 कुल 995 किसानों ने पंजीयन कराया है। वृहत्ताकार सेवा सहकारी संस्था, पांढुर्ना के प्रबंधक श्री मोहम्मद यासिफ कुरैशी के अनुसार संस्था में गेहूं के 63, चना के 44,और सरसों के 2 कुल 109  किसानों ने पंजीयन कराया है। वहीं विपणन सहकारी समिति , मर्या. पांढुर्ना के प्रबंधक श्री दशरथ बोंदरे ने कहा कि समिति में गेहूं के 77,चना के 80 और सरसों के लिए 7 कुल 127 किसानों ने पंजीयन कराया है। उपार्जन केंद्रों पर अभी तक बारदाना नहीं पहुंचा है।  मोरडोंगरी के ग्रेडर श्री गौरव गुरवे ने बताया कि केंद्र पर अभी बारदाना नहीं है।आज शाम तक आ जाएगा। मोरडोंगरी में सोमवार से खरीदी शुरू होने की संभावना है।

खरीदी का व्यापक प्रचार -प्रसार नहीं –  भारतीय  किसान संघ, पांढुर्ना के सह संयोजक श्री नीरज दुबे ने कहा कि समर्थन मूल्य पर अधिसूचित फसलों की खरीदी का व्यापक प्रचार -प्रसार नहीं  होने से किसानों के पंजीयन तो कम हुए ही हैं ,स्लॉट बुकिंग भी नहीं हुई। इन दिनों किसानों को मजदूरों का भुगतान आदि करने के लिए नकद राशि की सख्त ज़रूरत है। दूसरा कारण  गेहूं के समर्थन मूल्य 2275 रु और बाजार मूल्य में अधिक अन्तर नहीं है। 125 रु के बोनस को लेकर भी किसानों को संशय है कि कब मिलेगा। अनाज व्यापारी भी गेहूं की स्थिति को देखकर 1800 से 2400 रु के बीच किसानों से गेहूं खरीद रहे हैं।  यही हाल चना के समर्थन मूल्य 5440 , मसूर 6425 और सरसों 5650 रु / क्विंटल के आसपास व्यापारियों द्वारा खरीदी की जा रही है, इसलिए किसान  अपनी उपज इन व्यापारियों को बेच रहे हैं। उपार्जन केंद्रों पर उपज खरीदी का संबंधित विभागों के द्वारा  व्यापक प्रचार -प्रसार नहीं करने पर कई किसानों ने कहा कि इसमें अनाज व्यापारियों से अधिकारियों की सांठगांठ की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

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मंडी में भी हो गेहूं की खरीदी – ग्राम धावड़ीखापा के श्री लक्ष्मण कामड़े, श्री प्रकाश देशमुख ,ग्राम नीलकंठ के श्री गुलाब घागरे और श्री ज्ञानेश्वर पराडकर, ग्राम मोरडोंगरी के श्री कैलाश धारपुरे और श्री कन्हैया पराडकर ने कहा कि स्थानीय अनाज व्यापारियों द्वारा अपनी दुकान से खरीदी करने और एकाधिकार होने से किसानों को उनकी उपज का सही दाम नहीं मिल पाता है और आर्थिक हानि होती है, अतः मांग है कि उपार्जन केंद्रों  के अलावा कृषि उपज मंडी में भी गेहूं खरीदी की व्यवस्था की जाए , जहाँ व्यापारी नीलामी में प्रतिस्पर्धा करके बोली लगाएंगे तो किसानों को अधिक दाम मिलने की उम्मीद रहेगी।

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