वॉटरशेड योजनाओं का कमिश्नर ने किया पोस्टमार्टम
होशंगाबाद। कमिश्नर सभागार में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना वॉटरशेड परियोजना की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में नर्मदापुरम् संभाग के कमिश्नर श्री उमाकांत उमराव ने कहा कि वाटरशेड के कार्य निर्धारित कार्ययोजना के तहत करायें। इसका मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण तथा जल संवर्धन है। इसके लिये परियोजना वार तथा ग्रामवार विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की गई है।
इसका पालन करते हुए जल संरचनाओं का निर्माण करें। प्रोजेक्ट रिपोर्ट तथा निर्माण कार्यों की रिपोर्ट में गंभीर त्रुटियां हैं। तकनीकी सलाहकारों तथा टीम लीडर ने जल संरचनाओं के निर्माण में गंभीर लापरवाही की है। कलेक्टर वाटरशेड परियोजनाओं की समीक्षा करके रिपोर्ट प्रस्तुत करें। वाटरशेड परियोजना के कार्यों की कलेक्टर नियमित समीक्षा करें।
कमिश्नर ने कहा कि होशंगाबाद में वाटरशेड समितियों के गठन में मापदण्डों का पालन नहीं किया गया। गांव के स्थान पर ग्राम पंचायत वार समितियां गठित करने का कारण परियोजना अधिकारी स्पष्ट करें। बैतूल तथा हरदा जिले की परियोजना रिपोर्ट में गंभीर त्रुटि पाई गई।
इनमें 300 घनमीटर जल क्षमता के तालाब से 1 हेक्टेयर में सिंचाई दिखाई गई है। जो संभव नहीं है। चेकडैम में जल भराव तथा खेत तालाबों में सिंचाई क्षमता वास्तविकता से परे है। कमिश्नर ने सभी परियोजना अधिकारी को आगामी बैठक में डीपीआर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि वाटर बजट के अनुसार जल संरचनओं का निर्माण करायें।