राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्य प्रदेश की उर्वरक प्रयोगशालाओं को एनएबीएल मान्यता देने की योजना

25 जनवरी 2025, भोपाल: मध्य प्रदेश की उर्वरक प्रयोगशालाओं को एनएबीएल मान्यता देने की योजना – मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए उर्वरक गुण नियंत्रण प्रयोगशालाओं को नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड केलीब्रेशन लेबोरेटरीज (एनएबीएल) से मान्यता दिलाने की योजना बनाई है। आगामी एक वर्ष में राज्य की सभी छह अधिसूचित उर्वरक प्रयोगशालाओं को एनएबीएल मान्यता प्राप्त होगी।

एनएबीएल ऐसी प्रयोगशालाओं को मान्यता प्रदान करता है जो उर्वरक, मिट्टी, खाद्य पदार्थों और अन्य उत्पादों के परीक्षण में सटीकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करती हैं। यह कदम किसानों को गुणवत्तापूर्ण और सटीक परीक्षण सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

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एनएबीएल मान्यता की प्रक्रिया

राज्य सरकार ने बताया कि प्रयोगशालाओं को मान्यता दिलाने के लिए उन्हें एनएबीएल के मानकों के अनुरूप उन्नत किया जाएगा। इसमें उपकरणों की गुणवत्ता, तकनीकी विशेषज्ञता और परीक्षण प्रक्रियाओं की सटीकता को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। यह प्रक्रिया अगले एक वर्ष में पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है।

कृषि योजनाओं के लक्ष्यों पर नजर

राज्य सरकार की कार्ययोजना के तहत कृषि क्षेत्र में कई योजनाएं लागू की जा रही हैं। आरएडी योजना के तहत अगले एक वर्ष में 2,730 हेक्टेयर क्षेत्र को लाभांवित करने का लक्ष्य है, जबकि पांच वर्षों में 16,667 हेक्टेयर क्षेत्र को शामिल किया जाएगा। चयन प्रक्रिया में उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी जो जल प्रबंधन और मिट्टी की उर्वरता में सुधार के लिए उपयुक्त हैं।

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एग्रोफोरेस्टी योजना के तहत एक वर्ष में 38 नर्सरियों को लाभ पहुंचाने की योजना है, और पांच वर्षों में यह संख्या बढ़ाकर 233 नर्सरियों तक की जाएगी। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन को भी प्राथमिकता दी जाएगी।

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बलराम तालाब योजना के अंतर्गत अगले एक वर्ष में 6,144 किसानों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है। पांच वर्षों में यह संख्या बढ़ाकर 37,509 किसानों तक की जाएगी। चयन प्रक्रिया में छोटे और सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी।

फंडिंग और समयसीमा

इन योजनाओं के लिए राज्य सरकार ने एक विस्तृत बजट तैयार किया है। उर्वरक प्रयोगशालाओं को एनएबीएल मान्यता दिलाने और अन्य योजनाओं को लागू करने के लिए चरणबद्ध तरीके से फंड आवंटित किए जाएंगे। समयसीमा के अनुसार, सभी योजनाएं पांच वर्षों में पूरी की जाएंगी।

एनएबीएल मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं के जरिए किसानों को उर्वरक और मिट्टी के परीक्षण में अधिक सटीक परिणाम मिल सकेंगे। इससे कृषि उत्पादन में सुधार और लागत में कमी की उम्मीद है। इसके अलावा, योजनाओं के तहत लाभांवित किसानों और क्षेत्रों में कृषि की गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।

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