उज्जैन शहर के लोगों को जल्द ही सीएम परिवहन सेवा का लाभ प्राप्त होगा
15 सितम्बर 2025, उज्जैन: उज्जैन शहर के लोगों को जल्द ही सीएम परिवहन सेवा का लाभ प्राप्त होगा – उज्जैन शहर के लोगों को जल्द ही सीएम परिवहन सेवा का लाभ प्राप्त होगा। यह सेवा शुरू करने के लिए सीएम डॉक्टर मोहन यादव ने डेडलाइन तय कर दी है। हालांकि सबसे पहले इस सेवा की शुरुआत इंदौर से होगी और फिर इसके बाद इस सेवा को शुरू करने के लिए उज्जैन का नंबर आएगा।
सार्वजनिक परिवहन की सुविधा नहीं
अब हर हाल में मार्च के पहले बसों का संचालन प्रारंभ किया जाएगा। बता दें कि वर्ष 2006 में मप्र राज्य सड़क परिवहन निगम बंद होने के बाद से सार्वजनिक परिवहन की सुविधा नहीं है।
उज्जैन में डिटेल सर्वे पूरा
परिवहन सचिव मनीष सिंह ने बताया कि उज्जैन में सार्वजनिक बस संचालन के लिए डिटेल सर्वे पूरा हो गया है। जबलपुर और इंदौर में रूट सर्वे और श्रेणीवार संचालित बसों की संख्या का अनुमान का काम भी लगभग पूरा हो गया है। अब 6 बिंदुओं पर प्राथमिकता से काम होना है। इनमें संस्थागत व्यवस्था व स्टाफ, नियम एवं करों में संशोधन, रूट सर्वे एवं स्कीम की अधिसूचना, आईटी प्लेटफार्म एवं एजेंसी का चयन, परिवहन अधोसंरचना की योजना और ऑपरेटर से चर्चा एवं कैपेसिटी बिल्डिंग पर काम चल रहा है। इस वर्ष 16 लाख 60 हजार वाहनों का पंजीयन किया गया है। इसमें 2 लाख 58 हजार यानी 15 प्रतिशत इलेक्ट्रिकल वाहन हैं।
परिवहन विभाग की समीक्षा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने परिवहन विभाग की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि इस सेवा को जल्द से जल्द शुरू किया जाए। सबसे पहले इसे प्रदेश के सर्वाधिक आबादी वाले महानगर इंदौर से शुरू किया जाए। सीएम ने कहा कि सुगम परिवहन सेवा में यात्रियों की सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। कोशिश की जाए कि इसकी शुरुआत इलेक्ट्रिक बसों से की जाए। इसके लिए बुनियादी अधोसंरचना विकास के कामों को प्रोत्साहित किया जाए।
बसों के फ्रंट ग्लास पर शहरों और गांवों के नाम
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बसों के फ्रंट ग्लास पर शहरों और गांवों के नाम अनिवार्य रूप से प्रदर्शित हों। इसी तरह बस स्टॉप पर भी गांव और नगरों के नाम लिखवाए जाएं, ताकि यात्रियों को आसानी हो। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए वाहनों की गति सीमा पर सख्ती से नियंत्रण जरूरी है। वाहन चालकों के दस्तावेजों की वैधता की नियमित जांच भी सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारी-कर्मचारियों के प्रशिक्षण और आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता पर जोर दिया।
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