सीएम हेल्पलाइन से समाधान एक दिन तक: मध्यप्रदेश का लोक सेवा गारंटी मॉडल
13 नवंबर 2024, भोपाल: सीएम हेल्पलाइन से समाधान एक दिन तक: मध्यप्रदेश का लोक सेवा गारंटी मॉडल – मध्यप्रदेश ने नागरिक सेवाओं को समयबद्ध तरीके से प्रदाय करने की कानूनी गारंटी देकर देश में एक मिसाल कायम की है। 25 सितम्बर 2010 से प्रभावी लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम के तहत अब तक 748 सेवाएँ अधिसूचित की जा चुकी हैं। इनमें से 342 सेवाएँ नागरिकों को लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही हैं, जो नागरिकों के लिए सेवाओं तक पहुँच को सुगम और सरल बनाता है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में नागरिक सेवाओं को प्रभावी और जनोन्मुखी बनाने के लिए राज्य सरकार ने कई नई पहलें की हैं, जैसे समाधान एक दिन तत्काल सेवा, सीएम हेल्पलाइन 181, महिला हेल्पलाइन और दिव्यांग हेल्पलाइन, जो नागरिकों के जीवन को आसान बना रही हैं।
राज्य सरकार ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम के सफल क्रियान्वयन के लिए एक अलग लोक सेवा प्रबंधन विभाग और राज्य लोक सेवा अभिकरण की स्थापना भी की है, जो लोक सेवा केन्द्रों का संचालन, सीएम हेल्पलाइन और सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से सेवाओं पर निगरानी रखता है।
लोक सेवा केन्द्रों से समयबद्ध सेवा वितरण
नागरिकों को एक निश्चित अवधि में सेवाएँ प्रदान करने के लिए राज्य भर में 439 लोक सेवा केन्द्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें से सभी तहसीलों में विभिन्न विभागों की अधिसूचित सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं। इनमें जाति प्रमाण पत्र जैसी आवश्यक सेवाओं को प्राथमिकता दी गई है, जिससे प्रदेश के छात्र-छात्राओं को उनके शैक्षणिक संस्थानों में प्रमाण पत्र सहजता से मिल सकें। इस अभियान में अब तक लगभग 1.4 करोड़ डिजिटल हस्ताक्षरित प्रमाण पत्र वितरित किए गए हैं।
लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के तहत समय पर सेवा प्रदान नहीं करने पर जिम्मेदार अधिकारियों पर प्रतिदिन 250 से 5000 रुपये तक जुर्माना लगाने का प्रावधान है, जिससे अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाती है और नागरिकों को समय पर सेवाएँ मिलती हैं।
समाधान एक दिन: 24 घंटे में सेवा देने की पहल
फरवरी 2018 में राज्य सरकार ने “समाधान एक दिन” सेवा शुरू की, जिसमें दोपहर पूर्व आवेदन करने पर उसी दिन दोपहर बाद सेवा उपलब्ध कराई जाती है। इस सुविधा में डिजिटल हस्ताक्षरित प्रमाण पत्र व्हाट्सएप और ईमेल के माध्यम से भी भेजे जा रहे हैं। इस पहल के तहत अब तक 2.63 करोड़ से अधिक आवेदन पूरे किए जा चुके हैं, जिनमें आय प्रमाण पत्र, स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र, ट्रेड लाइसेंस, खाद्य सुरक्षा के अंतर्गत पात्रता पर्ची और अन्य प्रमाण पत्र शामिल हैं।
मध्यप्रदेश के इस अधिनियम को संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएन) से भी सराहना मिली है। 2012 में लोक सेवाओं के वितरण में सुधार के लिए इसे यूएनपीएसए पुरस्कार प्रदान किया गया था, जो राज्य के इस प्रयास की वैश्विक स्तर पर पहचान को दर्शाता है।
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