सोयाबीन का भरपूर उत्पादन उन्नत तकनीक से होगा
10 जून 2021, देवास । सोयाबीन का भरपूर उत्पादन उन्नत तकनीक से होगा –
उप संचालक कृषि श्री आर.पी .कनेरिया ने बताया कि जिले में सोयाबीन
खरीफ की प्रमुख फसल है ।इस वर्ष 3 लाख 50 हजार हेक्टेयर लक्ष्य प्रस्तावित है
। उत्पादन की दृष्टि से जिले की उत्पादकता काफी कम है यदि उत्पादकता कमी के
कारण पर प्रकाश डालेंगे तो हम पाएंगे की सोयाबीन की खेती वर्तमान में विषम
परिस्थितियों से गुजर रही है । लगभग प्रतिवर्ष इसकी खेती में लागत व्यय में
अत्यधिक वृद्धि हो रही है , जिससे आर्थिक दृष्टिकोण से कृषको को ज्यादा लाभ
प्राप्त नहीं हो रहा है ।
जिले के कृषकों को श्री कनेरिया ने सलाह दी कि,
सोयाबीन की बोनी का समय जून के अंतिम सप्ताह से जुलाई के प्रथम सप्ताह के मध्य
4-5 इंच वर्षा होने पर बुवाई करें सोयाबीन का बीज उपचार कर उसकी अंकुरण क्षमता
70% अवश्य ज्ञात करें ।अपनी भूमि के अनुसार कम से कम दो-तीन किस्मों की बुवाई
करें . जिले में अनुशंसित किस्में जे. एस. 95-60 ,जे,एस ,20-69, जे -एस 20 -34
,जे,एस,20- 29 एवं आरबीएस 2001- 04 है । अनुशंसित बीज दर 75 से 80 किलोग्राम
प्रति हेक्टेयर की दर से उन्नत प्रजातियो की बुवाई करें । कतार से कतार की दूरी
कम से कम 14 से 18 इंच के आसपास रखें । संभव हो तो रेज्ड – बेड विधि से फसल की
बुवाई करें।
इस विधि साथी से बुवाई करने से कम या अधिक बर्षा की स्थिति में
फसल को नुकसान नहीं होता है । जिले के कृषक अंर्तवर्ती फसलें जेसे सोयाबीन +
अरहर (4-2), सोयाबीन + मक्का (4-2) अपनाएं । किसान भाई बीज, उर्वरक, कीटनाशक
पंजीकृत संस्था से ही खरीदें।एंव पक्का बिल ले .उसमें बीज की किस्म, कंपनी का
नाम ,लाट नम्बर , उत्पादन और अंतिम तिथि लिखीं होनी चाहिए। खरीफ सीजन शुरू हो
चुका है ऐसे में कहीं भी कुछ शंका होने पर कृषक नजदीकी कृषि विभाग से सम्पर्क
करें ।