राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्य प्रदेश में खाद को लेकर मचा हाहाकार

डी ए पी की कमी, कतार में किसान

25 नवम्बर 2023, भोपाल: मध्य प्रदेश में खाद को लेकर मचा हाहाकार – म.प्र. में विधान सभा चुनावों की वोटिंग के बाद भी  खाद की कमी किसानों को परेशान कर रही है। रबी बुवाई के लिए किसानों को पर्याप्त खाद नहीं मिल पा रही है। समिति केन्द्रों पर घंटों लाईन में खड़े रहने के बाद भी किसान खाली हाथ लौट रहे है। मध्य प्रदेश में बोनी के सीजन में किसानों को हर साल खाद की किल्लत का सामना करना पड़ता है. फिर चाहे वो रबी हो या खरीफ . प्रदेश में  किसानों के लिए खाद परेशानी का सबब बन चुकी है. इस बार रबी सीजन में भी प्रदेश के किसान यूरिया, डी ए पी  के लिए खासा परेशान हो रहे हैं। शुरुआत में तो प्रशासन ने चुनाव का बहाना बनाया लेकिन अब जब वोटिंग संपन्न हो गई है उसके बाद भी खाद की किल्लत जस की तस बनी हुई है। प्रशासनिक लापरवाही के चलते किसानों को दिनभर कतार में लगने के बाद भी खाद नहीं मिल पा रही है। वितरण व्यवस्था भी लचर बनी हुई है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि आने वाले कुछ दिनों में प्रदेश में मावठ हो सकती है, जिसके बाद फिर किसानों को खाद की जरूरत होगी लेकिन सवाल यह है कि खाद मिलेगी कैसे? मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव से फुरसत होते ही उर्वरक वितरण की समीक्षा भी की है, लेकिन फिलहाल इस समस्या का समाधान नजर नहीं आ रहा है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में गेहूं बुवाई के समय लगने वाली खाद डीएपी की बेहद कमी है। पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता नहीं है। इसलिए किसानों की लम्बी-लम्बी लाईने लगी हैं। पूरे प्रदेश में किसान परेशान है। चुनाव के कारण वितरण व्यवस्था चरमरा गई है। नरसिंहपुर, सतना, दतिया, भोपाल के आसपास के क्षेत्रों में लाईन में लगने के बावजूद पर्याप्त डीएपी एवं अन्य खाद नहीं मिल पा रही है। संचालनालय में पदस्थ उर्वरक अधिकारी खादों की वास्तविक उपलब्धता, भण्डारण एवं वितरण की अद्यतन स्थिति बताने को तैयार नहीं है। उधर किसान अधिकारियों की गल्तियों की सजा भुगत रहे हैं, उन्हें डीएपी न देकर विकल्प के तौर पर 12:32:16, 20:20:0 अपनाने की सलाह दी जा रही है।जानकारी के मुताबिक गत दिनों सागर, हरदा, शिवपुरी एवं शाजापुर जिले सहित पूरे प्रदेश में भारत ब्रांड की यूरिया, डीएपी व अन्य खाद की बोरियां वितरित की गई थी जिसमें प्रधानमंत्री श्री मोदी की फोटो लगी थी। सागर में रैक खाली होते ही कांग्रेस ने शिकायत की, वहीं हरदा जिले के कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से शिकायत कर जांच कराने की मांग की तथा आरोप लगाया कि डबल लॉक के अलावा खुले बाजार में भी बोरियां बिक रही हैं। शाजापुर में गोडाऊन अधिकारी ने कहा कि माल आचार संहिता के पहले का है। शिवपुरी जिले के करैरा में  किसानों ने खाद न मिलने के कारण चक्काजाम किया तथा नायब तहसीलदार कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन कर नाराजगी जताई।

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ज्ञातव्य है कि रबी बोनी के लिए डीएपी की अधिक आवश्यकता पड़ती है, परन्तु फोटो के कारण उर्वरक के लॉट रोक दिए गए हैं तथा उर्वरक मंत्रालय ने बिना फोटो के बैग में खाद पैक करने के निर्देश दिए हैं, जो आगे आने रैकों में उपलब्ध होगी। जानकारी के मुताबिक राज्य में लगभग 96 लाख बोनी हो गई है। नवम्बर माह के लिए लगभग 7 लाख टन यूरिया एवं 1.5 लाख टन डीएपी की मांग है, परन्तु डीएपी का स्टॉक जीरो है। प्रदेश के उज्जैन, रतलाम, धार, शाजापुर, देवास, सागर, दमोह आदि जिले के किसानों का कहना है कि प्रत्येक सीजन के शुरू में खाद की किल्लत होती है तथा किसान परेशान होते हैं। अग्रिम भण्डारण से भी समस्या का समाधान नहीं निकल रहा है।

नरसिंहपुर  सतना में खाद की लंबी लाइन लगा-लगा कर किसान थक चुके हैं, जिसका तोड़ किसानों ने आपसी सहमति से मिलकर निकाला है. यहां के किसानों ने पत्थरों को  तथा  दस्तावेजों को लाइन में लगाया है. किसान सुबह पहुंचकर अपने नाम का पत्थर कतार में रख देते हैं और उसी के आधार पर अपनी बारी का इंतजार करते हैं. किसानों को दिन भर लाइन में खड़े होकर पहले दिन टोकन लेना पड़ता है और इसके बाद खाद के लिए रसीद कटवानी पड़ती है |

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इंदौर में सोनवाय गांव के किसान सुंदर दांगी का कहना है कि, हम लगातार खाद की मांग कर रहे हैं, लेकिन हमें पर्याप्त खाद नहीं दी जा रही है. मैं 40 बीघा में किसानी करता हूं लेकिन ये हमें 10 बोरी खाद दे रहे हैं. इतनी खाद में हमारा कुछ भी नहीं होगा. वहीं बिचोली मरदाना गांव के किसान रामगोपाल पटेल का कहना है कि हमारे यहां खाद की पूर्ति नहीं हो पा रही है, कई दिनों से हम खाद के लिए परेशान हो रहे हैं|

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दतिया के कृषि उपज मंडी के बाहर किसानों ने खाद न मिलने के कारण जाम लगा दिया. किसानों ने तकरीबन आधे घंटे तक रोड जाम रखा. हालांकि अधिकारियों की समझाइश के बाद किसानों ने जाम खोल दिया. बताया गया है कि दतिया में खाद की रैक ना आने के कारण खाद की आपूर्ति प्रभावित हो गई है, भोपाल के ईंटखेड़ी के किसान हरिसिंह ,निपानिया जाट गांव के किसान लोकेंद्र ने बताया कि पहले यूरिया की बोरी में खाद कम निकल रही है|

मारामारी और कालाबाजारी

एक ओर जहां प्रदेश के किसान एक-एक बोरी खाद के लिए जूझ रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर कुछ मुनाफाखोर खाद का अवैध भंडारण कर औने-पौने दामों पर खाद बेचने में जुटे हुए हैं. ऐसा ही एक मामला छतरपुर में देखने को मिला. यहां जिला प्रशासन जिला मुख्यालय के पास ही ग्राम हमा के नजदीक कार्यवाही की है. जहां बड़ी मात्रा में खाद का भंडार मिला, जिसे जब्त करते हुए संबंधित भवन को सील कर दिया गया है. रीवा के नईगढ़ी में अधिकारियों और कर्मियों की लापरवाही के कारण कृषि कार्यालय आए दिन बंद रहता है. इससे कार्यालय आने वाले किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. यहां किसानो को सरकार की योजनाओं से वंचित रखा जा रहा है, कार्यालय में अधिकतर समय ताला लगा रहता है. जब कभी खुलता भी है, तो जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी गायब मिलते हैं.
इधर नाम न छपने की शर्त पर कृषि अधिकारियों का कहना है कि डीएपी, यूरिया सहित अन्य खाद पर्याप्त मात्रा में है परन्तु आचार संहिता, चुनाव ड्यूटी, पीएम का फोटो आदि कारणों से उपलब्धता एवं वितरण व्यवस्था गड़बड़ हुई है जो किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गई है।

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