राज्य कृषि समाचार (State News)

प्रदेश के कृषि अधिकारी प्रमोशन, प्रभार को लेकर हुए लामबंद

1 मई से करेंगे अनिश्चित कालीन हड़ताल

11 अप्रैल 2025, भोपाल: प्रदेश के कृषि अधिकारी प्रमोशन, प्रभार को लेकर हुए लामबंद – प्रदेश के कृषि अधिकारी प्रमोशन एवं उच्च पदों के प्रभार की मांग शांतिपूर्ण तरीके से करने के पश्चात सुनवाई नहीं होने के कारण अब लामबंद हो गए हैं। संयुक्त कृषि मोर्चा के सदस्य अधिकारियों ने अब काली पट्टी बांधकर, कलमबंद हड़ताल कर एवं सामूहिक अवकाश के माध्यम से अपना विरोध दर्ज कराने के लिए संचालक कृषि को ज्ञापन सौपा है। दूसरी तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रमोशन की कार्यवाही शीघ्र की जाएगी, इसके लिए शासन स्तर पर कवायद की जा रही है।

जानकारी के मुताबिक नाराज कृषि अधिकारियों ने गत 9 अप्रैल से काली पट्टी बांधकर अपना विरोध प्रदर्शन प्रारंभ कर दिया है। उनका कहना है कि काली पट्टी का विरोध प्रदर्शन 30 अप्रैल तक लगातार चलेगा। इसी बीच 21 अप्रैल को कलमबंद हड़ताल की जाएगी तथा 22 अप्रैल को प्रदेश के समस्त अधिकारी सामूहिक अवकाश पर रहेंगे।

म.प्र. कृषि अधिकारी संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ. अजय कौशल एवं सहायक संचालक कृषि संघ के प्रांताध्यक्ष श्री फूल सिंह मालवीय ने बताया कि उक्त विरोध के बाद भी शासन यदि अधिकारी हित में कोई कदम नहीं उठाता है तो 1 मई से प्रदेशभर के समस्त अधिकारी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य होंगे।

संघ पदाधिकारियों ने शासन से मांग की है कि कृषि जैसे तकनीकी विभाग में तकनीकी संचालक होना चाहिए न कि आईएएस। उनका कहना है कि वर्षों से कार्यरत अधिकारियों की पदोन्नति नहीं हो रही है और चहेतों को संविदा नियुक्ति पर रखकर उपकृत किया जा रहा है। जबकि कई अधिकारी बिना प्रमोशन के सेवा निवृत्त हो गए। अधिकारियों का कहना है नियमानुसार अधिकारियों-कर्मचारियों का समयमान वेतनमान भी नहीं दिया गया है और न ही 5 स्तरीय वेतनमान का लाभ। इस कारण अधिकारियों में असंतोष व्याप्त है।

ज्ञातव्य है कि प्रदेश में विगत 8-9 वर्षों से पदोन्नति पर रोक लगी हुई है। लगभग 1 लाख अधिकारी-कर्मचारी बिना प्रमोशन के रिटायर हो गए हैं। मामला कोर्ट में है। दायर याचिका के तहत कोर्ट से आए फैसले के मद्देनजर कुछ विभागों में पदोन्नतियां दी गई हैं इसे ही आधार मानकर कृषि अधिकारी पदोन्नति की मांग कर रहे हैं परन्तु शासन अनुकूल निर्णय नहीं ले रहा है।

इधर हाल ही में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पदोन्नति मामले में संज्ञान लेते हुए कर्मचारी संगठनों को आश्वासन दिया है कि पदोन्नति शीघ्र होगी। इस बारे में राज्य शासन द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के लगभग 4 लाख अधिकारी-कर्मचारी इस निर्णय से लाभान्वित होंगे। अपने सेवाकाल में कई वर्ष से पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे अनेक अधिकारी- कर्मचारी सेवानिवृत्त भी हो गए। गत 8 वर्ष से पदोन्नति की रुकावट चली आ रही थी, जो अब समाप्त होगी। उन्होंने कहा कि पदोन्नति के संबंध में मुख्यमंत्री स्तर से 12 से अधिक बैठकों में विचार-विमर्श किया गया। डॉ. यादव ने कहा कि शीघ्र ही मंत्रिपरिषद की बैठक में इस संबंध में निर्णय होगा।

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