सब्जी उत्पादन में रखें इन बातों का ख्याल, तो मिलेगा अच्छा मुनाफा
05 दिसंबर 2024, भोपाल: सब्जी उत्पादन में रखें इन बातों का ख्याल, तो मिलेगा अच्छा मुनाफा – किसानों द्वारा अन्य फसलों के साथ ही सब्जी का भी उत्पादन किया जाता है लेकिन कुछ बातों का विशेष तौर पर यदि ध्यान किसानों द्वारा रखा जाए तो निश्चित ही अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।
अगर किसान कुछ खास बातों का ध्यान रखकर सीजनल सब्जियों की खेती करें तो अच्छी उत्पादकता के साथ-साथ उत्पादन भी हासिल कर सकते हैं, इसलिए दिसंबर के महीने में बोई जाने वाली सब्जियों दे रहे है। फरवरी-मार्च तक बाजार में पालक, मेथी, धनिया और सरसों की मांग रहती है। इन सब्जियों को सर्दियों के मौसम में ही उगाया जाता है। पालक की पंजाब ग्रीन और पंजाब सलेक्शन सबसे उन्नत किस्में हैं, जो अधिक पैदावार देती हैं। इनके अलावा, पूजा ज्योति, पूसा पालक, पूसा हरित, पूसा भारती भी कम लागत में क्वालिटी उत्पादन दे जाती हैं। मेथी की हिसार मुक्ता, मृदुरोमिल, लाम सिलेक्शन, पूसा अर्ली बंचिंग, यूएम 112, कश्मीरी, हिसार सुवर्णा से बुवाई कर सकते हैं। सरसों साग की पूसा विजय, पूसा सरसों-29, पूसा सरसों-30, पूसा सरसों-31 किस्मों से अच्छे पत्तों का उत्पादन मिलता है। धनिया की हिसार सुगंध, पंत हरितमा, कुंभराज, आरसीआर 41,आरसीआर 435, आरसीआर 436, आरसीआर 446, आरसीआर 480, आरसीआर 684, आरसीआर 728, सिम्पोएस 33, जेडी-1, एसीआर 1, सीएस 6, जीसी 2 (गुजरात धनिया 2) भी उन्नत किस्में हैं। बैंगन की खेती के लिए सर्द वातावरण ही सबसे उत्तम रहता है। इसकी पूसा पर्पल राउंड, पूसा हाइब्रिड-6, पूसा अनमोल और पूसा पर्पल लोंग किस्मों की बुवाई करके अच्छा उत्पादन ले सकते हैं। इन किस्मों से बुवाई के लिए 450 से 500 ग्राम प्रति हेक्टेयर बीजों से बुवाई की जाती है, जिसके बाद खेतों से 400 कुंटल तक प्रति हेक्टेयर तक का उत्पादन ले सकते हैं। गाजर-मूली की बुवाई अक्टूबर से लेकर दिसंबर के महीने तक चलती है। ये दोनों ही फसलें सर्द जलवायु में बढ़ती हैं। अच्छी क्वालिटी की पैदावार के लिए जीवांश युक्त दोमट या बलुई मिट्टी में बुवाई करें। मूली की उन्नत किस्मों में जापानी सफेद, पूसा देशी, पूसा चेतकी, अर्का निशांत, जौनपुरी, बॉम्बे रेड, पूसा रेशमी, पंजाब अगेती, पंजाब सफेद, आई.एच. आर1-1 एवं कल्याणपुर सफेद शामिल हैं।
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