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वन इंडिया, वन एग्रीकल्चर मार्केट किसानों के लिए सुनहरे अवसर लाएगा

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वन इंडिया, वन एग्रीकल्चर मार्केट किसानों के लिए सुनहरे अवसर  लाएगा

एसोचेम द्वारा नीति निर्माताओं और उद्योग प्रतिनिधियों से वेब कांफ्रेंस

कृषक जगत की मीडिया पार्टनरशिप

18 जुलाई 2020, नई दिल्ली। वन इंडिया, वन एग्रीकल्चर मार्केट किसानों के लिए सुनहरे अवसर लाएगा – गत सप्ताह  एसोचैम ने नीति निर्माताओं और उद्योग क्षेत्र को वन नेशन, वन एग्रीकल्चर मार्केट पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया। हाल ही में जारी इस अध्यादेश का उद्देश्य एपीएमसी बाजार के बाहर अतिरिक्त व्यापारिक अवसर पैदा करना है ताकि अतिरिक्त प्रतिस्पर्धा के कारण किसानों को लाभकारी  मूल्य मिल सके।

वेब कांफ्रेंस  में श्री पी.के. स्वैन, संयुक्त सचिव, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने  नीतिगत परिवर्तनों पर कहा  कि सरकार कृषि क्षेत्र पर सतत  नजर रख रही थी और ये परिवर्तन एकाएक  नहीं आए हैं, परन्तु  इन नीतिगत बदलावों के लिए रणनीतिक कदम उठाए गए हैं। मूल्य श्रृंखला अब बाजार की मांग  आधारित  हो गई है जो पहले सप्लाई के अनुसार होती थी .

श्री सागर कौशिक, सीओओ, यूपीएल लिमिटेड ने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन से कृषि क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, . सरकार द्वारा लिए गए निर्णय  आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया मिशन के साथ इनलाइन हैं। किसानों को अब अपनी उपज बेचने की स्वतंत्रता है और बाजार में बेहतर दामों  के द्वार  खुले हैं।

श्री जी चंद्रशेखर, वरिष्ठ संपादक और नीति टिप्पणीकार ने नीतिगत बदलावों के प्रति उद्योग के दृष्टिकोण को सामने लाने के लिए चर्चा का संचालन किया। डॉ मुरली मनोहर कृष्ण, निदेशक, जीडी फूड्स (TOPS) और श्री शरत मुलुकुटला, मुख्य व्यवसाय अधिकारी, कृषि बाजार ने अध्यादेश का समर्थन किया और उल्लेख किया कि किसान अब अपनी उपज की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। खरीदारों / प्रोक्योरर्स के पास अब गुणवत्ता मानकों, कीमत और मौसमी उपलब्धता के आधार पर कृषि उपज पर विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला है।

श्री शोम चटर्जी, हेड – प्रोक्योरमेंट एंड लॉजिस्टिक्स, आईटीसी फूड्स डिवीजन, ने उल्लेख किया, “छोटी और प्रभावी  आपूर्ति श्रृंखलाएं अब बनाई जा सकती हैं जो चैनलों में अपव्यय को भी कम करती हैं।

श्री राजवीर राठी, प्रमुख, कृषि नीति और हितधारक मामले, बायर क्रॉप साइंस , ने सरकार के फैसले पर बोलते हुए कहा कि इस निर्णय का उद्योग और किसानों दोनों ने स्वागत किया है। अधिसूचित एपीएमसी मार्केट यार्ड के बाहर कृषि उपज बेचने में किसानों के लिए प्रतिबंध थे। किसानों को केवल राज्य सरकारों के पंजीकृत लाइसेंसधारियों को उपज बेचने के लिए प्रतिबंधित किया गया था। इसके अलावा, राज्य सरकारों द्वारा लागू विभिन्न APMC विधानों के प्रसार के कारण विभिन्न राज्यों के बीच कृषि उपज के मुक्त प्रवाह में बाधाएं मौजूद थीं।

श्री एलेन मुखर्जी, एनसीडीईएक्स ने वस्तुओं के व्यापार पर बात करते हुए कहा कि हमारे प्लेटफार्म  कीमतों  पर अपने हितों की रक्षा के लिए किसानों / व्यापारियों को सशक्त बनाएंगे; साथ ही  बाजार की चद्ती उतरती कीमतों के अपने जोखिम को रोकने में मदद करेगा। आवश्यक वस्तु अधिनियम के संशोधन से कृषि क्षेत्र के लिए बहुत सारे अवसर खुले हैं।

अंतर-राज्यीय कृषि व्यापार, प्रत्यक्ष विपणन और आवश्यक वस्तु अधिनियम के संशोधन पर हालिया नीति परिवर्तन ने भारत के कृषि क्षेत्र को खोल दिया है। इसने किसान के लिए अधिक विकल्प खोले हैं, किसानों के लिए विपणन लागत कम करेगा और उन्हें बेहतर मूल्य दिलाने में मदद करेगा।

सुश्री निरुपमा शर्मा, संयुक्त निदेशक और कृषि प्रभाग, एसोचैम ने वेब कांफ्रेंस का सार प्रस्तुत करते हुए  कहा, “अध्यादेश का उद्देश्य एपीएमसी बाजार के बाहर अतिरिक्त व्यापारिक अवसर पैदा करना है ताकि अतिरिक्त प्रतिस्पर्धा के कारण किसानों को लाभकारी  मूल्य मिल सके। यह मौजूदा एमएसपी खरीद प्रणाली को भी सप्लीमेंट  करेगा जो किसानों को स्थिर आय प्रदान कर रहा है। ”

यह निश्चित रूप से वन इंडिया, वन एग्रीकल्चर मार्केट बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा और हमारी कड़ी मेहनत करने वाले किसानों के लिए सुनहरी फसल सुनिश्चित करने की नींव रखेगा।

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