राष्ट्रीय किसान दिवस पर राजस्थान में किसानों को मिला नवाचारों का मंच
25 दिसंबर 2024, बूंदी: राष्ट्रीय किसान दिवस पर राजस्थान में किसानों को मिला नवाचारों का मंच – राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर राजस्थान के बूंदी जिले में किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र, रिलायंस फाउंडेशन, उद्योगिनी और सर्व मंगल ग्रामीण विकास संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इस सम्मेलन में 600 से अधिक किसानों ने भाग लिया, जिनमें महिला किसानों की भागीदारी उल्लेखनीय रही।
किसान सम्मेलन का उद्देश्य किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों, प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर उपयोग, और सरकारी योजनाओं की जानकारी देना था। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
प्रमुख वक्ताओं की बातें
- मंजू खुराना, जीएम, नाबार्ड जयपुर ने किसानों को प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर आय बढ़ाने के उपाय बताए। उन्होंने समेकित कृषि प्रणाली, संरक्षित खेती, और किसान उत्पादक संघ के माध्यम से कृषि उत्पादों की बिक्री पर जोर दिया।
- प्रो. हरीश वर्मा, प्रभारी, कृषि विज्ञान केंद्र ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के योगदान को रेखांकित करते हुए प्राकृतिक संसाधनों के कुशल उपयोग और समन्वित कृषि प्रणाली अपनाने पर बल दिया।
- डा. रामधन जाट, जिला परियोजना प्रबंधक, रिलायंस फाउंडेशन ने विभिन्न विभागों के समन्वय से किसानों की आय दोगुनी करने की रणनीति पर चर्चा की।
- महेश कुमार शर्मा, संयुक्त निदेशक, कृषि विस्तार ने सिंचाई पाइपलाइन, जल हौज, फव्वारा सेट, और अन्य योजनाओं की जानकारी दी।
- डॉ. राम लाल मीणा, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग ने वैज्ञानिक तरीके से पशुपालन और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने का आग्रह किया।
सम्मेलन में जलवायु अनुकूल खेती के माध्यम से टिकाऊ आजीविका संवर्धन पर जोर दिया गया। इस पहल के तहत किसानों को प्राकृतिक संसाधनों का अधिकतम उपयोग करने और पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों को अपनाने की सलाह दी गई।
सरकारी योजनाओं की जानकारी
- राजस्थान कामधेनु डेयरी योजना और मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना जैसी योजनाओं का जिक्र करते हुए किसानों को इनके लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया गया।
- राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत सामुदायिक जल स्रोत निर्माण, ग्रीनहाउस, और शेडनेट हाउस जैसी तकनीकों को बढ़ावा देने की जानकारी दी गई।
- कृषि उपकरणों, सिंचाई पाइपलाइन, और जल हौज पर मिलने वाले अनुदान और छूट के बारे में विस्तार से बताया गया।
सम्मेलन में प्रगतिशील महिला किसानों जैसे मन्नी मेघवाल, निरमा मीणा, अनीता मेघवाल और शिमला मीणा को सम्मानित किया गया। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस प्रकार नवाचारों को अपनाकर उन्होंने अपनी आय में वृद्धि की।
तकनीकी सत्र और प्रदर्शनियां
कार्यक्रम में विभिन्न विभागों और संस्थानों द्वारा प्रदर्शनियां लगाई गईं, जहां किसानों ने नई तकनीकों और योजनाओं की जानकारी प्राप्त की।
- इफको के क्षेत्रीय प्रबंधक बृजराज मीणा ने नैनो यूरिया और ड्रोन तकनीक की जानकारी दी।
- उपनिदेशक उद्यान विभाग राधेश्याम मीणा ने संरक्षित खेती और सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने की बात कही।
- मत्स्य विकास अधिकारी लखन लाल मीणा ने धान की फसल में मछली पालन की सलाह दी, जिससे उत्पादन बढ़ाने और पर्यावरण अनुकूल खेती की दिशा में कदम उठाया जा सके।
हाइड्रोपोनिक और संरक्षित खेती की जानकारी
हाइड्रोपोनिक खेती और संरक्षित खेती पर भी चर्चा की गई। किसानों को बताया गया कि ये तकनीकें न केवल उत्पादन बढ़ाने में मददगार हैं, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों का कुशल उपयोग भी सुनिश्चित करती हैं।
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