एमपी में अब किसान भी करेंगे बिजली का उत्पादन, क्या है सरकार का प्लान
04 मार्च 2025, भोपाल: एमपी में अब किसान भी करेंगे बिजली का उत्पादन, क्या है सरकार का प्लान – मध्यप्रदेश के किसानों द्वारा अब जल्द ही अब बिजली का भी उत्पादन किया जाएगा ताकि किसानों को और अधिक रूप से आर्थिक संपन्न बनाया जा सके । मध्यप्रदेश की सरकार ने किसानों को बिजली उत्पादक बनाने के लिए नया प्लान बनाया है और यह प्लान है बंजर और अनुपयोगी कृषि जमीनों पर सोलर प्लांट लगाने का। हालांकि सरकार ने इस योजना को अमली जामा पहनाने की दिशा में अब कदम उठाना शुरू कर दिया है लेकिन जब भी यह योजना मूर्तरूप लेगी उससे न केवल किसानों को फायदा होगा बल्कि किसानों को बिजली के लिए भी परेशानी नहीं होगी वहीं आम लोगों को भी
महंगी बिजली से राहत मिलने लगेगी। किसानों द्वारा सोलर प्लांट को स्वयं भी लगाया जा सकता है वहीं किसी निवेशक की भी मदद किसान ले सकेंगे।
सोलर प्लांट लगाने वालों से 25 साल का अनुबंध
इन सोलर प्लांट से उत्पादित होने वाली बिजली को सरकार खरीदेगी। इसके लिए सरकार सोलर प्लांट लगाने वालों से 25 साल का अनुबंध करेगी। केंद्र सरकार ने कुसुम ‘ए’ योजना के तहत प्रदेश को 1790 मेगा वाट के सोलर प्लांट लगाने का टारगेट दिया। इसके तहत 500 मेगावाट तक के पावर परचेज एग्रीमेंट की तैयारी हो चुकी है।
25 साल तक सरकार खरीदेगी बिजली
प्रदेश के सभी जिलों में 2033 सोलर प्लांट इस स्कीम के तहत लगाए जाएंगे। सबसे ज्यादा 1079 सोलर प्लांट सेंट्रल जोन में लगेंगे। वेस्ट जोन में 372 और ईस्ट जोन में 582 प्लांट लगाए आएंगे। ये सोलर प्लांट 500 किलोवॉट से 2 मेगावॉट तक होगे। परियोजना से उत्पादित विद्युत, शासन द्वारा क्रय की जाएगी, जिससे कृषको को नियमित आय होगी। प्रदेश की वितरण कंपनियों द्वारा चिन्हित सबस्टेशनों से 5 किमी की परिधि में सोलर प्लांट लगेगे। बिजली कंपनियों ने प्रदेश के सभी सब स्टेशन की लिस्ट ऊर्जा विकास निगम को सौंप दी है। इसके मुताबिक निवेशक और किसान सोलर प्लांट के लिए आवेदन कर सकते है।
बिजली को 3.25 रुपए प्रति यूनिट की दर से खरीदा जाएगा
कृषि भूमि पर लगने वाले सोलर प्लांट से उत्पादित होने वाली बिजली को 3.25 रुपए प्रति यूनिट की दर से खरीदा जाएगा। इसका अनुबंध उत्पादक के साथ सरकार और बिजली कंपनी 25 साल के लिए करेगी। यानी सरकार उत्पादकों से 25 साल तक बिजली खरीदेगी। ऊर्जा विकास निगम द्वारा निर्धारित सभी सोलर प्लांट अगर प्रदेश में लग जाते हैं, तो आधे से ज्यादा प्रदेश सोलर ऊर्जा से रोशन हो सकता है। परियोजना के संचालन और रखरखाव का अनुबंध भी मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी करेंगी। मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड एमपीपीजीसीएल) और एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने मध्य प्रदेश में 20 गीगावॉट या उससे अधिक की नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस महत्वपूर्ण सहयोग से मध्यप्रदेश में लगभग 80,000 करोड़ का निवेश होने की उम्मीद है। इससे सोलर एनर्जी उत्पादन और अधिक बढ़ जाएगा। सोलर एनर्जी का उत्पादन बढ़ाए जाने के लिए सरकार हर स्तर पर काम कर रही है।
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