किसानों के कारण एमपी को मिले सात कृषि कर्मण पुरस्कार
14 फ़रवरी 2025, भोपाल: किसानों के कारण एमपी को मिले सात कृषि कर्मण पुरस्कार – मध्यप्रदेश को अभी तक सात बार कृषि कर्मण पुरस्कार मिल चुके है और इसके पीछे किसानों की मेहनत है क्योंकि किसानों के कारण ही न केवल प्रदेश में बेहतर रूप से उत्पादन हो रहा है वहीं सरकार भी किसानों के लिए विभिन्न योजनाओं को संचालित कर रही है।
मध्यप्रदेश की उपजाऊ भूमि केवल भरपूर फसल ही नहीं, बल्कि नवाचार, सतत विकास और वैश्विक निवेश के नए द्वार भी खोल रही है। सरकार के इस रूपांतरणकारी प्रयास में दुनिया भर के निवेशकों को शामिल होने का आमंत्रण दिया जा रहा है। प्रदेश ने अपनी समृद्ध कृषि परंपरा और उन्नत कृषि तकनीकों के बल पर खुद को देश की “फ़ूड बास्केट” के रूप में स्थापित किया है। राज्य को अब तक सात कृषि कर्मण पुरस्कार मिल चुके हैं, जो इसकी कृषि क्षेत्र में मजबूती को दर्शाते हैं।
‘श्वेत क्रांति’ तेजी से अपने पैर पसार रही
मध्यप्रदेश में ‘श्वेत क्रांति’ तेजी से अपने पैर पसार रही है। राज्य में 2012 से 2023 के बीच दूध उत्पादन में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है। इस विस्तार को डेयरी इन्वेस्टमेंट एक्सेलेरेटर जैसी योजनाओं से मजबूती मिली है, जो निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल तैयार कर डेयरी उद्योग के विकास को प्रोत्साहित कर रही है। मध्यप्रदेश दूध उत्पादन और उपलब्धता में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति लगातार मजबूत कर रहा है। प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता (591 ग्राम प्रति दिन) में मध्यप्रदेश छठवें स्थान पर है। राष्ट्रीय सीएजीआर 6.18% की तुलना में मध्यप्रदेश की वृद्धि दर 8.60% है। देश के कुल दूध उत्पादन में मध्यप्रदेश का योगदान वर्ष 2023 में 8.73% था। राज्य सरकार की निवेश नीति को उद्योग जगत के सकारात्मक रुझान से बल मिल रहा है। पेप्सी -को, कोका कोला और अमूल जैसी शीर्ष वैश्विक कंपनियां पहले ही राज्य में निवेश कर चुकी हैं, जिससे यह क्षेत्र निवेशकों के लिए और भी आकर्षक बन गया है।
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