राज्य कृषि समाचार (State News)

MSP पर मूंग-उड़द खरीदी: 19 जून से रजिस्ट्रेशन शुरू, 7 जुलाई से खरीदी, जानें पूरी प्रक्रिया

25 जून 2025, भोपाल: MSP पर मूंग-उड़द खरीदी: 19 जून से रजिस्ट्रेशन शुरू, 7 जुलाई से खरीदी, जानें पूरी प्रक्रिया – मध्य प्रदेश के किसानों के लिए ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी के लिए पंजीयन 19 जून 2025 से शुरू हो चुका है। मूंग का MSP ₹8682 प्रति क्विंटल और उड़द का ₹7400 प्रति क्विंटल तय किया गया है। पंजीयन की प्रक्रिया 6 जुलाई तक चलेगी, जबकि फसल की खरीदी 7 जुलाई से 6 अगस्त 2025 तक होगी। किसान समग्र पोर्टल या नजदीकी मंडियों में पंजीयन कराकर सरकारी दर पर अपनी फसल बेच सकते हैं। इस लेख में हम आपको खरीदी की पूरी प्रक्रिया, नियम और जरूरी जानकारी आसान भाषा में बताएंगे।

खरीदी का शेड्यूल

मध्य प्रदेश सरकार ने ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द कि पंजीयन की अवधि 19 जून से 6 जुलाई 2025 तक निर्धारित की गई है। इसके बाद, 7 जुलाई से 6 अगस्त तक उपार्जन केंद्रों पर फसल खरीदी जाएगी। केवल पंजीकृत किसान ही इस योजना का लाभ उठा सकेंगे, इसलिए समय रहते पंजीयन कराना जरूरी है।

किन जिलों में होगी खरीदी?

मूंग और उड़द की खरीदी प्रदेश के विभिन्न जिलों में होगी। मूंग की खरीदी के लिए चयनित जिले हैं: देवास, सागर, गुना, खंडवा, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, रायसेन, हरदा, सीहोर, जबलपुर, खरगोन, कटनी, दमोह, विदिशा, बड़वानी, मुरैना, बैतूल, श्योपुर, भिंड, भोपाल, सिवनी, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, छतरपुर, उमरिया, धार, राजगढ़, मंडला, शिवपुरी, अशोकनगर, इंदौर, बालाघाट और सतना। वहीं, उड़द की खरीदी जबलपुर, कटनी, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, दमोह, पन्ना, मंडला, उमरिया, सिवनी और बालाघाट में होगी।

पंजीयन की प्रक्रिया

किसान दो तरीकों से पंजीयन कर सकते हैं। पहला, ई-उपार्जन पोर्टल (mpeuparjan.nic.in) पर जाकर ऑनलाइन पंजीयन, जो पूरी तरह निःशुल्क है। दूसरा, ऑफलाइन पंजीयन के लिए किसान ग्राम पंचायत सचिव, कृषि विस्तार अधिकारी या नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर संपर्क कर सकते हैं। ऑफलाइन पंजीयन के लिए मामूली शुल्क देना पड़ सकता है। पंजीयन के लिए किसानों के पास मूंग या उड़द की फसल और संबंधित भूमि का विवरण होना अनिवार्य है।

जरूरी दस्तावेज

पंजीयन के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की स्व-प्रमाणित प्रतियां जमा करनी होंगी:

  • आधार कार्ड (बैंक खाते से लिंक)
  • बैंक खाता नंबर और IFSC कोड
  • भू-अधिकार ऋण पुस्तिका
  • फसल का विवरण और उत्पादन की जानकारी

यदि किसान सिकमी या बटाई पर खेती कर रहा है, तो उसे सिकमी अनुबंध की प्रमाणित प्रति भी जमा करनी होगी। एक मोबाइल नंबर से केवल एक पंजीयन किया जा सकता है, और यही नंबर SMS अलर्ट और स्लॉट बुकिंग के लिए उपयोग होगा।

स्लॉट बुकिंग और तुलाई

पंजीयन के बाद किसानों को ऑनलाइन स्लॉट बुक करना होगा। पंजीकृत मोबाइल नंबर पर खरीदी केंद्र और तारीख की जानकारी SMS के जरिए भेजी जाएगी। तय समय पर किसान को उपार्जन केंद्र पर पहुंचकर अपनी फसल तुलवानी होगी। यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि खरीदी प्रक्रिया सुचारू और व्यवस्थित रहे।

फसल और उत्पादन का अनुमान

मूंग की खेती 14.35 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है, जिसका संभावित उत्पादन 20.23 लाख मीट्रिक टन है। वहीं, उड़द का क्षेत्रफल 0.95 लाख हेक्टेयर है, और उत्पादन 1.24 लाख मीट्रिक टन अनुमानित है। दोनों फसलों की कटाई मई के तीसरे सप्ताह से जून के पहले सप्ताह तक होती है। यह जानकारी किसानों को पंजीयन और खरीदी की योजना बनाने में मदद करेगी।

खरीदी की व्यवस्था और सुविधाएं

खरीदी की जिम्मेदारी सहकारी संस्थाओं को सौंपी गई है। उपार्जन केंद्रों पर किसानों को कंप्यूटराइज्ड रसीद दी जाएगी, जिसमें उनका नाम, बैंक खाता और भुगतान राशि का विवरण होगा। फसल को गोदाम तक पहुंचाने के लिए परिवहनकर्ता नियुक्त किए जाएंगे, और देरी होने पर उन पर जुर्माना लगाया जाएगा।

उपार्जन केंद्रों पर किसानों की सुविधा के लिए छायादार बैठने की जगह, पीने का साफ पानी, शौचालय और फर्स्ट ऐड बॉक्स उपलब्ध होंगे। केंद्र पर एक बैनर भी लगाया जाएगा, जिसमें केंद्र का नाम, फसल की गुणवत्ता (FAQ मानक) और भुगतान संबंधी जानकारी होगी। व्यस्त केंद्रों पर अतिरिक्त कर्मचारी, लैपटॉप, प्रिंटर और बैटरी की व्यवस्था की जाएगी ताकि खरीदी प्रक्रिया में कोई रुकावट न आए।

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