खंडवा कृषि महाविद्यालय के छात्रों ने एचडीपीएस कपास का मॉडल पेश किया
06 जनवरी 2025, (दिलीप दसौंधी, मंडलेश्वर): खंडवा कृषि महाविद्यालय के छात्रों ने एचडीपीएस कपास का मॉडल पेश किया – खंडवा कृषि महाविद्यालय के छात्रों द्वारा गत दिनों गोगांवा एफपीओ कंपनी के बोर्ड मेंबर श्री मोहन सिंह सिसोदिया के फार्म हाउस पर एचडीपीएस कपास की किस्मों का मॉडल पेश किया गया। इस दौरान खंडवा, हरसूद, सनावद, कसरावद और सेगांव से करीब 150 किसान शामिल हुए।
गोगांवा एफपीओ के बोर्ड मेंबर श्री मोहन सिंह सिसोदिया ने कृषक जगत को बताया कि गोगांवा एफपीओ कम्पनी के तहत वर्ष में ली जाने वाली 9 फसलों खरीफ में कपास ,भिंडी और मिर्च , रबी में गेहूं ,चना और मक्का तथा गर्मी में ग्वार ,कावली और मूंग फसलों का चक्र अनुसार पहले ही उसका मूल्य तय कर दिया जाता है , जबकि मंडी में भाव की अनिश्चितता रहती है। एफपीओ के किसान सदस्यों को भाव कम मिलने की चिंता नहीं रहती है। खंडवा कृषि महाविद्यालय के छात्रों ने एचडीपीएस कपास की किस्मों का मॉडल पेश किया जिसमें बताया गया कि कैसे इस किस्म का उत्पादन बढ़ा। खंडवा, हरसूद ,सनावद , कसरावद और सेगांव से आए करीब 150 किसानों के समक्ष मॉडल पेश किया गया।
कृषि छात्रों का अभिमत – इस दौरान खंडवा कृषि महाविद्यालय के छात्रों ने अपना अभिमत रखते हुए इसकी प्रशंसा की । श्री रितिक भालसे ने किसानों को एचडीपीएस कपास की किस्मों की जानकारी देने के साथ ही उन्हें उत्पादन वृद्धि के लिए उपयोग की सलाह दी , ताकि किसान इस नवीन तकनीक से अधिक उत्पादन ले सके । वहीं श्री युवराज पाटीदार ने कहा कि इस किस्म में प्रत्येक एकड़ में पौध संख्या ज्यादा होती है तथा हल्की मृदा में पोटेंशियल दिखाती है ।श्री दीपक बिरला ने कहा कि इसमें फसल की अवधि कम रहती है। श्री प्रभाकर चौबे खरपतवार प्रबंधन में लागत कम आती है । जबकि श्री नवीन पटेल का कहना था कि इसमें पूरी तरह से मैकेनाइजेशन का उपयोग किया जाता है । श्री आकाश पटेल ने कहा कि इसकी उत्पादकता ज़्यादा है । श्री उदय सिंह गौड़ ने कहा कि इसमें उर्वरक उपयोग क्षमता बढ़ती है। श्री कमलेश वर्मा ने बताया कि इस किस्म में कम स्थान में अधिक उत्पादन प्राप्त होता है। सभी पौधों में एक साथ परिपक्वता आती है तथा व्यावसायिक कपास की तुलना में कम समय में उत्पादन प्राप्त होता है, जिससे कि अगली फसल जल्दी लग जाती है।
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