राजस्थान और उत्तराखण्ड के कृषि मंत्रियों की बैठक: कृषि उत्पादों पर चर्चा
12 मई 2025, जयपुर: राजस्थान और उत्तराखण्ड के कृषि मंत्रियों की बैठक: कृषि उत्पादों पर चर्चा – राजस्थान के कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने शुक्रवार को जयपुर के पंत कृषि भवन में उत्तराखण्ड के कृषि मंत्री गणेश जोशी के साथ बैठक की. इस दौरान दोनों राज्यों के मंत्रियों ने कृषि और बागवानी क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया.
बैठक में एग्रो प्रोसेसिंग यूनिट, जैविक खेती, बीज उत्पादन, जीआई टैग, जैतून और मिलेट्स उत्पादन जैसे विषयों पर चर्चा हुई. दोनों राज्यों ने प्राकृतिक खेती और फसलों के विविधीकरण को बढ़ावा देने की संभावनाओं पर भी बात की. इसके अलावा, जलवायु के अनुकूल फसलों, फलों और सब्जियों को प्रोत्साहित करने पर सहमति बनी.
उत्तराखण्ड के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि उनके राज्य में प्राकृतिक खेती, औषधीय पौधे, सुगंधित फूल, शहद और ड्रैगन फ्रूट की खेती अच्छी मात्रा में होती है. उन्होंने सुझाव दिया कि इनमें से कुछ जलवायु-अनुकूल फसलों को राजस्थान में भी उगाया जा सकता है. इसके लिए उन्होंने दोनों राज्यों के बीच प्रतिनिधि मंडलों के आदान-प्रदान का प्रस्ताव रखा, ताकि एक-दूसरे की योजनाओं और फसलों का अध्ययन कर किसानों के हित में काम किया जा सके.
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि राजस्थान सोलर पंप संयंत्र स्थापना के मामले में देश के शीर्ष तीन राज्यों में शामिल है और मिलेट्स उत्पादन में भी अग्रणी है. उन्होंने बताया कि राज्य में रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कम करने और नैनो यूरिया व डीएपी को बढ़ावा देने पर ध्यान दिया जा रहा है. साथ ही, अधिक से अधिक कृषि उत्पादों को जीआई टैग दिलाने की कोशिश की जा रही है, ताकि किसानों को बेहतर कीमत मिल सके.
गणेश जोशी ने उत्तराखण्ड में मिलेट्स बीज पर दी जा रही सब्सिडी और सालभर होने वाले मशरूम उत्पादन की जानकारी दी. उन्होंने बुरांश फूल के शरबत का जिक्र किया, जिसे हृदय रोगियों के लिए फायदेमंद माना जाता है. इसके अलावा, उन्होंने ‘हाउस ऑफ हिमालया’ नामक संस्था के बारे में बताया, जो कृषि उत्पादों की ब्रांडिंग कर किसानों को उचित मूल्य दिलाने में मदद करती है.
यह बैठक दोनों राज्यों के बीच कृषि क्षेत्र में सहयोग और नवाचार को बढ़ाने की दिशा में एक कदम है. दोनों मंत्रियों ने किसानों की आय बढ़ाने और टिकाऊ खेती को प्रोत्साहित करने के लिए मिलकर काम करने की इच्छा जताई.
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