राज्य कृषि समाचार (State News)

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से मरकाम को मिला सहारा

15 अक्टूबर 2025, बालाघाट: प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से मरकाम को मिला सहारा – प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना चमरू सिंह मरकाम के लिए बड़ा सहारा बन गई है। इस योजना ने चमरू के जीवन की दशा एवं दिशा दोनो बदल दी है। चमरू अब मछली पालन कर सालाना 07 से 08 लाख रुपए की आय अर्जित कर रहा है। मछली पालन के पहले वह धान की खेती करता था। उसने सपने में भी  नहीं  सोचा था‍ कि मछली पालन से कम समय में ही वह  लखपति  बन जाएगा और अन्‍य लोगो को रोजगार देने में सक्षम होगा।    

बालाघाट जिले के आदिवासी बाहुल्य विकासखंड बिरसा के ग्राम अजगरा के निवासी चमरू सिंह मरकाम अपने खेत में परंपरागत रूप से धान की खेती करते थे। लेकिन लागत अधिक होने के कारण मुनाफा बहुत कम होता था और किसी तरह जीवन की गाड़ी चल रही थी। 03 वर्ष पहले सहायक मत्स्य अधिकारी मीना कोकाटे ने उसे मछली पालन की सलाह दी और उसका प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में मछली पालन के लिए तालाब निर्माण का प्रकरण तैयार किया। इस योजना की राशि से चमरू के खेत में मछली पालन के लिए 04 छोटे-छोटे टैंक (तालाब) बनाए गए है। चमरू इन तालाबों में मछली पालन का कार्य कर रहा है। चमरू ने बताया कि पहले साल उसे मछली पालन से कुछ खास आमदनी नहीं हुई लेकिन उसने इस व्यवसाय के क्षेत्र में आगे बढ़ने की ठान ली थी। दो साल बाद उसे मछली पालन से आमदनी होने लगी है। अब वह केवल मछली पालन से साल में 07 से 08 लाख रुपए की शुद्ध आय अर्जित कर रहा है।

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चमरू केवल मत्स्य पालन तक ही सीमित नही है, उसने इस वर्ष अपने तालाबों में झींगा भी पाला है जो अब 100 ग्राम वजन के हो चुके है। झींगा बाजार में बहुत महंगे दाम पर बिकता है और चमरू को इससे अच्छी आय होने की उम्मीद है। चमरू ने उद्यान विभाग की सलाह पर अपने खेत में आम का बगीचा भी लगाया है। आम के सीजन में वह 02 लाख रुपए तक के आम बेच देता है। चमरू ने अपने ढाई एकड़ खेत में इस बार चिन्नौर धान भी लगाया है। चमरू अपने तालाब की मछलियाँ एवं झींगा सुगमता से बेच सके इसके लिए मत्स्य पालन विभाग द्वारा मोहगांव बाजार में उसके लिए फिश पार्लर भी स्‍वीकृत किया गया है। चमरू बताता है कि मछली पालन के व्यवसाय से उसे बड़ा सहारा मिला है और वह इससे हुई आय के जरिये मिश्रित खेती की ओर बढ़ा है। उसके इस व्यवसाय से वह अन्य लोगो को रोजगार भी दे रहा है। आय बढ़ने से उसका जीवन स्‍तर भी बेहतर हो रहा है और वह अपना नया मकान तैयार कर रहा है। चमरू ने बताया कि यदि वह मत्स्य पालन को नहीं अपनाता तो उसकी दशा एवं दिशा नही सुधर पाती।

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