गौ-शालाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाएं : श्री सिंह
इंदौर। मध्यप्रदेश विधानसभा में प्रस्तुत मध्यप्रदेश गौवंश वध प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक 2019 पर विचार के लिये श्री लक्ष्मण सिंह, सदस्य विधानसभा के सभापतित्व में गठित प्रवर समिति की बैठक गत दिनों इंदौर रेसीडेंसी के सभाकक्ष में आयोजित की गई। जिसमें गौ-शालाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने पर ज़ोर दिया गया।
बैठक में श्री लक्ष्मण सिंह ने ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दूर करने लिए गौ-शालाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिये गोकाष्ठ, गौ मूत्र से गोनाइल और कीटनाशक, गाय के गोबर से केंचुआ खाद, गोबर गैस प्लांट से कुकिंग गैस का व्यवसायिक गैस के रूप में आपूर्ति करने का सुझाव दिया। प्रदेश में अब तक साढ़े 3 सौ गौ-शालाएं खुल चुकी हैं। गौ संवर्धन बोर्ड में ऑनलाइन पंजीयन कराने पर प्रदेश की पंजीकृत गौ-शालाओं को 80जी के तहत आयकर में छूट मिल सकती है। बैठक में प्रवर समिति के सदस्य एवं विधायक श्री रामेश्वर शर्मा ने कहा कि गौ सेवा से आयु, विद्या, यश और बल में वृद्धि होती है, वहीं श्रीमती झूमा सोलंकी ने कहा कि राज्य शासन गौ संरक्षण के लिये कृत संकल्पित है।
अपर मुख्य सचिव पशुपालन विभाग श्री मनोज श्रीवास्तव ने गौवंश वध और तस्करी रोकने के लिये गौवंश के संरक्षण को जरूरी बताते हुए कहा कि भोपाल के अधिकांश श्मशान घाट में गोकाष्ठ का इस्तेमाल किया जाता है। आपने प्रदेश में गौवंश संवर्धन के लिये चरागाहों का विकास और हरे चारे की उपलब्धता बढ़ाने की बात कही। कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जाटव ने गौशालाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिये गोबर और गौमूत्र का व्यावसायिक इस्तेमाल करने पर जोर दिया। जबकि सीईओ जिला पंचायत श्रीमती नेहा मीणा ने कहा कि जिले में कई गौशालाएं खोली जा रही हैं। उनका संचालन महिला स्वसहायता समूहों को सौंपा जा रहा है।
श्री श्रीवास्तव ने कहा कि गौ पालकों द्वारा दिए गए सुझावों को राज्य शासन द्वारा अमल में लाया जाएगा। इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रमुख सचिव विधानसभा श्री आर.पी. सिंह, विधि विभाग के प्रमुख सचिव श्री एस.के. पाण्डे, संचालक पशु पालन श्री आर.के. रोकड़े, उप संचालक पशुपालन श्री अशोक शर्मा सहित अनेक अधिकारी जनप्रतिनिधि और स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।