अधिक उत्पादन के लिए मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखना जरूरी है
22 अप्रैल 2025, भोपाल: अधिक उत्पादन के लिए मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखना जरूरी है – देश के किसानों को कृषि वैज्ञानिकों ने यह सलाह दी है कि यदि वे अपने खेतों में फसलों का अधिक से अधिक उत्पादन करना चाहते है तो उन्हें खेत की मिट्टी का परीक्षण अवश्य ही कराना चाहिए। क्योंकि अधिक उत्पादन के लिए मिट्टी की गुणवत्ता के साथ ही स्वास्थ्य को बनाए रखना जरूरी होता है। बता दें कि देश के विभिन्न शहरों में मिट्टी परीक्षण के लिए केन्द्र संचालित होते है।
किसान कल्याण तथा कृषि विभाग द्वारा किसानों को अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए मृदा परीक्षण कराने की सलाह दी गई है। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक फसल का उत्पादन ज्यादा हो इसके लिये मिट्टी की गुणवत्ता एवं स्वास्थ्य को बनाए रखना आवश्यक है और मृदा परीक्षण इस दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है।
कृषि विभाग के उप संचालक डॉ. एस के निगम के अनुसार मृदा परीक्षण का मुख्य उद्देश्य मिट्टी की गुणवत्ता का मूल्यांकन करना और उसमें मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा को जानना है। मृदा परीक्षण की प्रक्रिया से किसानों को यह समझने में मदद मिलती है कि उनकी भूमि की वर्तमान स्थिति क्या है और उसे बेहतर बनाने के लिए क्या कदम उठाने की आवश्यकता है। उप संचालक, कृषि विभाग के मुताबिक मृदा परीक्षण का सबसे पहला कदम है की खेत से सही तरीके से मिट्टी के सैंपल एकत्रित किए जाएं। मिट्टी के नमूने किसान स्वयं ले सकते हैं या इसके लिए क्षेत्रीय कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। खेत के विभिन्न हिस्सों से मिट्टी के नमूने एकत्र करना चाहिए ताकि संपूर्ण खेत की सही तस्वीर मिल सके। मृदा नमूना एकत्रीकरण का सही तरीका अपनाने से मृदा परीक्षण के परिणाम अधिक सटीक आते हैं, जो किसानों को उनकी मिट्टी की वास्तविक स्थिती जानने में मदद करते हैं। खेत से एकत्र किए गए नमूनों को मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में भेजा जाता है। यहां पर मिट्टी का पी.एच. मान, जैविक कार्बन, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा मापी जाती है। ये प्रयोगशालाएं उन्नत तकनीकों और उपकरणों का उपयोग करती हैं, जिससे परीक्षण के परिणाम अत्यधिक विश्वसनीय होते हैं। परीक्षण के परिणामों का विश्लेषण कर किसान को यह बताया जाता है कि उनकी मिट्टी में कौन-कौन से पोषक तत्वों की कमी है और उसे कैसे पूरा किया जा सकता है। यह जानकारी किसान को उचित उर्वरकों का चयन करने में मदद करती है। मृदा परीक्षण के परिणामों के आधार पर किसान अपनी मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए सही उपाय अपना सकते हैं।
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