राज्य कृषि समाचार (State News)

इंदौर में खुलेगा मध्यप्रदेश का दूसरा ड्रोन स्कूल, युवा बन सकेंगे पेशेवर ड्रोन पायलट

08 नवंबर 2024, भोपाल: इंदौर में खुलेगा मध्यप्रदेश का दूसरा ड्रोन स्कूल, युवा बन सकेंगे पेशेवर ड्रोन पायलट – मध्यप्रदेश सरकार, भोपाल के बाद इंदौर में इस माह एक और ड्रोन स्कूल शुरू करने जा रही है, जिससे राज्य के ग्रामीण युवा ड्रोन पायलट बनने के लिए प्रशिक्षित हो सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव इस स्कूल का उद्घाटन इसी नवम्बर माह में कर सकते हैं। कृषि क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए, राज्य सरकार ने हाल ही में डीजीसीए (डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन) से ड्रोन पायलट प्रशिक्षण की मान्यता प्राप्त की है, और अब इंदौर में एक और RPTO (रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन) की स्थापना की जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रोन अभियान से प्रेरित होकर मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने इंदौर में ड्रोन प्रशिक्षण की सारी औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद राज्य के युवा ड्रोन पायलट बनने के लिए इंदौर स्थित ड्रोन स्कूल से ट्रेनिंग प्राप्त कर सकेंगे।

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इस ड्रोन स्कूल की स्थापना के लिए कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय, मध्यप्रदेश शासन और सेंटर फॉर एयरोस्पेस रिसर्च, अन्ना विश्वविद्यालय, चेन्नई के साथ एक औपचारिक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

7 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम

कृषि यंत्रीकरण क्षेत्र में “कौशल विकास योजना” के तहत, इंदौर में प्रारंभ होने वाला यह ड्रोन स्कूल 7 दिनों का एक व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगा। इस प्रशिक्षण में 5 ड्रोन होंगे, और एक बैच में 20 प्रशिक्षुओं को ड्रोन पायलट लाइसेंस प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।

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सेंटर फॉर एयरोस्पेस रिसर्च, अन्ना विश्वविद्यालय, चेन्नई के अनुसार, यह स्कूल डीजीसीए के मानकों के अनुसार ड्रोन उड़ाने की पूरी प्रक्रिया सिखाएगा।

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न्यूनतम फीस और आवेदन प्रक्रिया

अधिकारियों के अनुसार, इस RPTO में प्रशिक्षण की फीस केवल 15,000 रुपये होगी, इसके अतिरिक्त जीएसटी अलग से लागू होगा, जो कि अन्य प्रशिक्षण केंद्रों के मुकाबले काफी कम है। अन्यथा, सामान्यत: ड्रोन पायलट प्रशिक्षण की फीस 60,000 रुपये से अधिक होती है। मध्यप्रदेश शासन कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय जल्द ही ड्रोन पायलट ट्रेनिंग के लिए आवेदन आमंत्रित करेगा।

मध्यप्रदेश सरकार ने हाल ही में भारत सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में ड्रोन संचालन के लिए ड्रोन पायलट के वैध लाइसेंस की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया था। अब 10वीं पास व्यक्ति भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

ड्रोन खरीदने पर अनुदान योजना

इसके साथ ही, मध्यप्रदेश शासन कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत किसानों को ड्रोन खरीदने पर अनुदान देने की प्रक्रिया भी जल्द शुरू करने जा रही है। व्यक्तिगत श्रेणी के कृषक, कस्टम हायरिंग केंद्र संचालक, और कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) ड्रोन पर अनुदान के लिए आवेदन कर सकेंगे। इस योजना में लघु सीमांत, महिला, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसानों को ड्रोन की कीमत का 50% तक अनुदान मिलेगा, जिसकी अधिकतम राशि 5 लाख रुपये होगी। अन्य किसानों और कस्टम हायरिंग केंद्रों के लिए 40% तक, जबकि एफपीओ के लिए 75% तक अनुदान प्रदान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री का संकल्प

मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में युवाओं के लिए किए गए प्रयासों से प्रेरित होकर मध्यप्रदेश सरकार राज्य के युवाओं के लिए ड्रोन तकनीक का प्रशिक्षण और उपयोग बढ़ाने का मिशन चला रही है। उन्होंने यह भी कहा कि ड्रोन क्रय योजना के लिए बजट की कोई कमी नहीं है और इस तकनीक का अधिकतम उपयोग जनकल्याण के लिए किया जाएगा।

ड्रोन के फायदे

ड्रोन की मदद से अब कृषि क्षेत्र में कार्यों में तेजी लाई जा सकती है। ये ड्रोन 1 से 42 किलो तक का वजन उठा सकते हैं और बड़े कृषि क्षेत्रों में बीज व कीटनाशक छिड़कने, सर्वेक्षण करने में मददगार साबित होंगे। इसके अलावा, पुलिस भी ड्रोन का इस्तेमाल निगरानी के लिए कर सकती है। मध्यप्रदेश के युवा इन सभी तकनीकी कार्यों में दक्षता प्राप्त करेंगे, जिससे वे रोजगार के नए अवसरों से जुड़ सकेंगे।

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इस पहल के माध्यम से मध्यप्रदेश में युवाओं को ड्रोन पायलट बनने का अवसर मिलेगा, जो न केवल कृषि क्षेत्र के विकास में मदद करेगा, बल्कि युवाओं को नई तकनीकों के इस्तेमाल के लिए तैयार करेगा।

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