युवा ग्रामीणों को बनाया जाएगा ड्रोन पायलट, ताकि खेती में हो सके उपयोग
30 नवंबर 2024, भोपाल: युवा ग्रामीणों को बनाया जाएगा ड्रोन पायलट, ताकि खेती में हो सके उपयोग – मध्यप्रदेश सरकार युवा ग्रामीणों को ड्रोन पायलट बनाने का काम कर रही है ताकि खेती में युवा वर्ग ड्रोन तकनीक का उपयोग कर सकें।
मध्यप्रदेश सरकार, भोपाल के बाद इंदौर में इस माह एक और ड्रोन स्कूल शुरू करने जा रही है, जिससे राज्य के ग्रामीण युवा ड्रोन पायलट बनने के लिए प्रशिक्षित हो सकेंगे। कृषि क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए, राज्य सरकार ने हाल ही में डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन से ड्रोन पायलट प्रशिक्षण की मान्यता प्राप्त की है, और अब इंदौर में एक और रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रोन अभियान से प्रेरित होकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर में ड्रोन प्रशिक्षण की सारी औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद राज्य के युवा ड्रोन पायलट बनने के लिए इंदौर स्थित ड्रोन स्कूल से ट्रेनिंग प्राप्त कर सकेंगे। इस ड्रोन स्कूल की स्थापना के लिए कृषि संचालनालय, मध्यप्रदेश शासन और अभियांत्रिकी सेंटर फॉर एयरोस्पेस रिसर्च, अन्ना विश्वविद्यालय, चेन्नई के साथ एक औपचारिक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। 7 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम कृषि यंत्रीकरण क्षेत्र में ‘कौशल विकास योजना’ के तहत, इंदौर में प्रारंभ होने वाला यह ड्रोन स्कूल 7 दिनों का एक व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगा। इस प्रशिक्षण में 5 ड्रोन होंगे, और एक बैच में 20 प्रशिक्षुओं को ड्रोन पायलट लाइसेंस प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। सेंटर फॉर एयरोस्पेस रिसर्च, अन्ना विश्वविद्यालय, चेन्नई के अनुसार, यह स्कूल डीजीसीए के मानकों के अनुसार ड्रोन उड़ाने की पूरी प्रक्रिया सिखाएगा।
आवेदन की प्रक्रिया
अधिकारियों के अनुसार, इस RPTO में प्रशिक्षण की फीस केवल 15,000 रुपये होगी, इसके अतिरिक्त जीएसटी अलग से लागू होगा, जो कि अन्य प्रशिक्षण केंद्रों के मुकाबले काफी कम है। अन्यथा, सामान्यतः ड्रोन पायलट प्रशिक्षण की फीस 60,000 रुपये से अधिक होती है।सरकार ने हाल ही में भारत सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में ड्रोन संचालन के लिए ड्रोन पायलट के वैध लाइसेंस की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया था। अब 10वीं पास व्यक्ति भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
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