राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्यप्रदेश: लाड़ली बहनों को लघु उद्योगों से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी

05 अक्टूबर 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश: लाड़ली बहनों को लघु उद्योगों से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिया है कि प्रदेश की लाड़ली बहनों को लघु उद्योगों और व्यवसायों से जोड़ा जाए ताकि वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें। आज मंत्रालय में महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की हुनरमंद लाड़ली बहनों को चिन्हित कर उन्हें लघु उद्योगों से जोड़ा जाएगा, जिससे उनके आर्थिक उन्नति के अवसर खुलेंगे। इस पहल के तहत, उन्हें उद्योग और व्यवसाय की गतिविधियों से जोड़ा जाएगा ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।

Advertisement
Advertisement

आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए सीएसआर फंड का उपयोग

बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश में आंगनवाड़ी केंद्रों के निर्माण और व्यवस्थापन में कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) फंड का उपयोग किया जाए। जनजातीय बहुल क्षेत्रों में आंगनवाड़ी केंद्रों को और अधिक प्रभावी बनाने पर भी चर्चा हुई। वर्तमान में प्रदेश में 97 हजार से अधिक आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हैं, जो 81 लाख महिलाओं और बच्चों को लाभान्वित कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में मध्यप्रदेश ने देशभर में शीर्ष स्थान हासिल किया है। इस वर्ष 2.46 लाख से अधिक हितग्राहियों का पंजीकरण हुआ है और अब तक 1191 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया गया है। इस योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को मजदूरी के नुकसान की भरपाई के रूप में प्रोत्साहन राशि देना और बालिका जन्म को बढ़ावा देना है।

Advertisement8
Advertisement

महिला सशक्तिकरण के विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा

मुख्यमंत्री ने मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, सक्षम आंगनवाड़ी और अन्य महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों की समीक्षा की। इसके साथ ही, उन्होंने मिशन वात्सल्य के तहत फोस्टर केयर कार्यक्रम की मॉनिटरिंग के निर्देश भी दिए। प्रदेश में शक्ति सदन और सखी निवास के माध्यम से महिलाओं को सहायता प्रदान की जा रही है।

Advertisement8
Advertisement

इस बैठक में मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisement8
Advertisement
Advertisements
Advertisement5
Advertisement