राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्यप्रदेश: सोयाबीन और धान उपार्जन केंद्रों का मंत्रीगण करें निरीक्षण, मुख्यमंत्री का निर्देश

05 दिसंबर 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश: सोयाबीन और धान उपार्जन केंद्रों का मंत्रीगण करें निरीक्षण, मुख्यमंत्री का निर्देश – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कैबिनेट बैठक से पहले मंत्रीगण को निर्देश दिया कि वे प्रदेश में सोयाबीन और धान खरीदी के लिए बनाए गए उपार्जन केंद्रों का अवलोकन करें। उन्होंने कहा कि किसानों को यदि उपार्जन प्रक्रिया में कोई समस्या हो रही है, तो उसे संबंधित विभाग के ध्यान में लाकर तत्काल समाधान कराया जाए।

सोयाबीन उपार्जन: लाख मीट्रिक टन से अधिक की खरीद

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में सोयाबीन की खरीदी 25 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है और यह 31 दिसंबर तक चलेगी। अब तक 77 हजार से अधिक किसानों से 2 लाख 4 हजार मीट्रिक टन सोयाबीन का उपार्जन किया जा चुका है। प्रतिदिन औसतन 20 हजार मीट्रिक टन सोयाबीन उपार्जन केंद्रों पर आ रही है।

धान खरीदी शुरू

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने जानकारी दी कि 2 दिसंबर से धान का उपार्जन शुरू हो चुका है। अब तक 428 किसानों से 2810 मीट्रिक टन धान खरीदी गई है। धान उपार्जन के लिए प्रदेशभर में 1184 केंद्र स्थापित किए गए हैं। मंत्री ने बताया कि धान उपार्जन के लिए 7 लाख 68 हजार किसानों ने ऑनलाइन पंजीयन कराया है और 4 दिसंबर तक 97 हजार से अधिक किसानों ने उपार्जन केंद्रों पर अपनी उपज बेचने के लिए स्लॉट बुक करा लिया है।

जिलावार खरीदी का विवरण

धान खरीदी में जिला बालाघाट सबसे आगे है, जहां अब तक 859 मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है। इसके बाद सतना जिले में 519 मीट्रिक टन, सिंगरौली में 252 मीट्रिक टन, मंडला में 205 मीट्रिक टन, बैतूल में 173 मीट्रिक टन, अनूपपुर में 171 मीट्रिक टन और कटनी में 149 मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया गया है। रीवा जिले में अब तक 135 मीट्रिक टन, मैहर में 111 मीट्रिक टन, सागर में 61 मीट्रिक टन, शहडोल में 43 मीट्रिक टन, सीधी में 42 मीट्रिक टन, नरसिंहपुर में 30 मीट्रिक टन, नर्मदापुरम में 28 मीट्रिक टन, पन्ना में 25 मीट्रिक टन, दमोह में 6 मीट्रिक टन और मऊगंज में 1 मीट्रिक टन धान खरीदा गया है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उपार्जन केंद्रों पर किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना चाहिए। मंत्रीगण इन केंद्रों का निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करें कि उपार्जन प्रक्रिया सुचारू और पारदर्शी हो। यदि किसी केंद्र पर समस्या हो, तो तत्काल कार्रवाई की जाए।

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