राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्यप्रदेश को प्रकृति से मिला है सभी राज्यों से अधिक वन सम्पदा का वरदान

20 दिसंबर 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश को प्रकृति से मिला है सभी राज्यों से अधिक वन सम्पदा का वरदान – मध्यप्रदेश का वन क्षेत्र देश में सबसे अधिक विस्तृत है। यहां वनों को प्रकृति ने अकूत सम्पदा का वरदान से समृद्ध किया है। प्रदेश में 30.72 प्रतिशत वन क्षेत्र है जो देश के कुल वन क्षेत्र का 12.30 प्रतिशत है। यहां कुल वन क्षेत्र 94 हजार 689 वर्ग किलोमीटर (94 लाख 68 हजार 900 हेक्टेयर) है। वन क्षेत्रों का वैज्ञानिक प्रबंधन और वन संसाधनों का संरक्षण एवं संवर्धन क्षेत्रीय स्तर पर 16 वृत्त, 64 वन मण्डल, 135 उप वन मण्डल, 473 परिक्षेत्र, 871 उप वन परिक्षेत्र और 8 हजार 286 परिसर कार्यरत हैं। प्रदेश में 24 अभयारण्य, 11 नेशनल पार्क और 8 टाइगर रिजर्व हैं, जिसमें कान्हा, पेंच, बाँधवगढ़, पन्ना, सतपुड़ा और संजय डुबरी टाइगर रिजर्व बाघों के संरक्षण में मील का पत्थर साबित हुए हैं।

मध्यप्रदेश वन्य-जीव संरक्षण अधिनियम लागू करने वाला सबसे देश का पहला राज्य है। प्रदेश में वर्ष 1973 में वन्य-जीव संरक्षण अधिनियम लागू किया गया था। प्रदेश के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की संभावित सूची में शामिल किया गया है। मध्यप्रदेश में सफेद बाघों के संरक्षण के लिये मुकुंदपुर में महाराजा मार्तण्ड सिंह जू देव व्हाइट टाइगर सफारी की स्थापना की गई है, इसे विश्वस्तरीय बनाये जाने के प्रयास जारी हैं। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व बाघ सहित कई वन्य-जीवों की आदर्श आश्रय स्थली और प्रजनन के सर्वाधिक अनुकूल स्थान है। पेंच टाइगर रिजर्व की ‘कॉलर वाली बाघिन’ के नाम से प्रसिद्ध बाघिन को सर्वाधिक 8 प्रसवों में 29 शावकों को जन्म देने के अनूठे विश्व-कीर्तिमान के कारण ‘सुपर-मॉम’ के नाम से भी जाना जाता है। विशेष रूप से कान्हा टाइगर रिजर्व में पाए जाने वाले हार्ड ग्राउंड बारहसिंघा को मध्यप्रदेश के राजकीय पशु का दर्जा मिला हुआ है।

Advertisement
Advertisement

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के अथक प्रयासों से कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों की पुनर्स्थापना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह प्रधानमंत्री श्री मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश राज्य को गौरवान्वित किया है। देश में 13 हजार से भी अधिक तेंदुए हैं, जिसमें से 25 प्रतिशत तेंदुए मध्यप्रदेश में हैं। प्रदेश में तेंदुओं की संख्या 3300 से अधिक है। देश में तेंदुओं की आबादी में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि मध्यप्रदेश में यह वृद्धि 80 प्रतिशत है। घड़ियाल, गिद्धों, भेड़ियों, तेंदुओं और भालुओं की संख्या में भी मध्यप्रदेश देश में अग्रणी है। मध्यप्रदेश बाघों का घर होने के साथ ही तेंदुओं, चीतों, गिद्धों और घड़ियालों का भी आँगन है। हाल ही में नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) ने मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़, राजस्थान और उड़ीसा में कुछ बाघों के स्थानांतरण को मंजूरी दे दी है। इस तरह मध्यप्रदेश अन्य राज्यों की जैव-विविधता को सम्पन्न बनाने में भी अपना योगदान दे रहा है।

मध्यप्रदेश में बाघों को सुरक्षित और संरक्षित रखने के लिये महत्वपूर्ण कदम उठाये जा रहे हैं। हाल ही में प्रदेश के रातापानी अभयारण्य को भी टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया गया है। उल्लेखनीय है रातापानी हमेशा से बाघों का घर रहा है। रायसेन एवं सीहोर जिले में रातापानी अभयारण्य का कुल 1272 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र अधिसूचित है। टाइगर रिजर्व बनने के बाद कुल क्षेत्रफल में से 763 वर्ग किलोमीटर को कोर क्षेत्र घोषित किया गया है। यह वह क्षेत्र है, जहाँ बाघ बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के स्वतंत्र रूप से विचरण कर सकेंगे। शेष 507 वर्ग किलोमीटर को बफर क्षेत्र घोषित किया गया है। यह क्षेत्र कोर क्षेत्र के चारों ओर स्थित है। इसका उपयोग कुछ प्रतिबंधों के साथ स्थानीय समुदाय कर सकेंगे। आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों की आजीविका इस क्षेत्र से जुड़ी हुई है। भोपाल के अर्बन फॉरेस्ट की रातापानी से समीपता होने के कारण भोपाल को अब टाइगर राजधानी के रूप में पहचान मिलेगी। रातापानी के टाइगर रिजर्व बनने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय लोगों के लिये रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे।

Advertisement8
Advertisement

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement