प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: फसल क्षति आकलन में तकनीकी सुधार, पारदर्शिता और सटीकता पर जोर
19 दिसंबर 2024, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: फसल क्षति आकलन में तकनीकी सुधार, पारदर्शिता और सटीकता पर जोर – भारतीय किसानों के लिए फसल बीमा योजना को और प्रभावी और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) में कई नई तकनीकी पहलें लागू की जा रही हैं। इसमें उपग्रह इमेजरी, ड्रोन, मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी), और रिमोट सेंसिंग जैसी तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। इन उपायों का उद्देश्य फसल नुकसान के आकलन और बीमा दावों के त्वरित निपटान में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करना है।
योजना में फसल कटाई प्रयोग (सीसीई) और उपज अनुमान के लिए उन्नत तकनीकों का समावेश किया गया है। साथ ही, बीमा कंपनियों को सीसीई-एग्री ऐप के माध्यम से डेटा अपलोड करने और राज्यों के भूमि अभिलेखों को राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल (एनसीआईपी) से जोड़ने की अनुमति दी गई है। यह पहल नुकसान के सही आकलन और समय पर बीमा दावों के भुगतान को संभव बनाती है।
खरीफ 2023 में शुरू हुआ ‘येसटैक’ मॉडल
फसल क्षति और उपज अनुमान की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए, खरीफ 2023 से ‘येसटैक’ (टेक्नोलॉजी आधारित उपज अनुमान प्रणाली) को लागू किया गया है। यह मॉडल रिमोट सेंसिंग तकनीक पर आधारित है और शुरुआत में धान और गेहूं की फसलों पर लागू किया गया, जिसमें 30% वेटेज दिया गया। खरीफ 2024 से इसमें सोयाबीन की फसल भी शामिल कर दी गई है।
येसटैक के तहत, 10 राज्यों में इसका सफलतापूर्वक कार्यान्वयन किया गया है। इसके तहत खरीफ 2023 में सात राज्यों में दावों का भुगतान येसटैक के जरिए किया गया। इस तकनीक के लिए विस्तृत दिशानिर्देश ‘येसटैक मैनुअल 2023’ में दिए गए हैं, जिसमें सभी प्रक्रियाओं को पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से लागू करने का प्रावधान है।
राज्यों और एजेंसियों की भूमिकाएं
येसटैक मॉडल में राज्यों, बीमा कंपनियों और तकनीकी भागीदारों की भूमिकाएं स्पष्ट रूप से निर्धारित की गई हैं। राज्यों द्वारा चयनित तकनीकी भागीदार (टीआईपी) को ‘मेंटॉर इंस्टीट्यूट फॉर टेक्नोलॉजी रोल-आउट’ (एमआईटीआर) के मार्गदर्शन में कार्य करना होता है। एमआईटीआर एजेंसियों में इसरो और आईसीएआर जैसी संस्थाएं शामिल हैं।
टीआईपी को फसल उपज मॉडल लागू करने, कार्य प्रगति पर रिपोर्ट देने और समयबद्धता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यदि समय-सीमा का उल्लंघन या शिकायतों का समाधान समय पर नहीं होता है, तो दंड प्रावधान भी लागू किए जाएंगे।
योजना में वित्तीय प्रावधान और समीक्षा
येसटैक मैनुअल में राज्यों के लिए वित्तीय सहायता का प्रावधान है। भारत सरकार को मैनुअल के किसी भी प्रावधान को स्पष्ट करने, संशोधित करने, या समीक्षा करने का अधिकार है। इस प्रक्रिया को सुनिश्चित करने का उद्देश्य यह है कि उपज मूल्यांकन और बीमा दावों में पारदर्शिता और सटीकता बनी रहे।
यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा में लिखित उत्तर के दौरान साझा की।
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