राज्य कृषि समाचार (State News)

लो! अब गुड़, गोबर और छाछ से भी बनाई जाने लगी है खाद

10 फ़रवरी 2025, भोपाल: लो! अब गुड़, गोबर और छाछ से भी बनाई जाने लगी है खाद – क्या गुड़, गाय का गोबर और छाछ से भी खाद बनाई जा सकती है….! इस प्रश्न का उत्तर हां में होना अमूमन कम ही सामने आएगा लेकिन यह बात राजस्थान में सामने आ रही है कि यहां इन तीनों वस्तुओं से जैविक खाद बनाई जा रही है. जिसने भी इन वस्तुओं से खाद बनाने का दावा किया है उनका यह कहना है कि इस जैविक खाद से न केवल खेतों की मिट्टी में पोषक तत्व मिलेगा वहीं उत्पादन भी अच्छा ही होगा वहीं खाद के लिए किसानों को परेशानी का सामना नहीं करना होगा.

राजस्थान के कोटा के श्री राम शान्ताय जैविक कृषि अनुसंधान संस्थान एवं प्रशिक्षण केन्द्र के मुख्य प्रबंधक डॉ. पवन टांक द्वार इस सरल खाद को बनाया गया है . डॉ. पवन बताते हैं कि गुड़, गाय का गोबर और छांछ से बना यह सरल खाद सस्ता भी है, जिसे गरीब से गरीब किसान इसे बना सकता है और अपने खेत में इस्तेमाल कर सकता है.

कैसे बनाई जा सकती है ये खाद

उनके मुताबिक खाद बनाने के लिए सबसे पहले आप 1 टन (10 कुंटल) गाय, भैंस, बैल, भेड़, बकरी किसी भी पशु का गोबर ले सकते हैं या किसी भी फसल का अवशेष भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसका एक जगह पर ढेर बना लें. उसके बाद एक ड्रम में 200 लीटर पानी लें , उसमें 2 किलो गुड़ का घोल, 30 किलो गाय ताज का गोबर और 30 लीटर गाय या भैंस की छांछ को पानी में मिला लें. इस घोल को अच्छे तरीक़े से मिलकर जो आपने 1 टन (10 कुंटल) पशु का गोबर या कोई फसल अवशेष लिया है उसपर अच्छे से डाल दें. ऐसे डालें की घोल नीचे तक जाये. फिर  इसको किसी पुआल या प्लास्टिक या किसी फसल अवशेष से अच्छे से ढक दें.  डॉ. पवन बताते हैं कि मात्र 45 दिनों के बाद आप इस खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन ये तभी संभव होगा जब आप इस बात का ध्यान रखेंगे कि उसपर सूरज की सीधी किरणें ना पड़े और ना ही बारिश का पानी. तभी यह 45 दिनों में तैयार होगा अन्यथा ज्यादा समय भी लग सकता है. डॉ. पवन ने बताया कि इस खाद को बनाने के लिए सही तापमान 35 डिग्री है. 

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements