कोरोना महामारी के बीच टिड्डी प्रकोप बड़ी चुनौती
कोरोना महामारी के बीच टिड्डी प्रकोप बड़ी चुनौती, बेहतर समन्वय के साथ करें प्रभावी नियंत्रण -कृषि मंत्री
टिड्डी नियंत्रण, खरीफ आदान व्यवस्था एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की समीक्षा बैठक
जयपुर, 18 मई। कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने कोरोना महामारी के बीच टिड्डी प्रकोप को बड़ी चुनौती बताते हुए विभागीय अधिकारियों को जिला प्रशासन के साथ बेहतर समन्वय एवं किसानों के सहयोग से प्रभावी नियंत्रण करने के निर्देश दिए। श्री कटारिया सोमवार को यहां निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ टिड्डी नियंत्रण, खरीफ आदान व्यवस्था एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की समीक्षा कर रहे थे।
कृषि मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि संगठन ने इस साल व्यापक पैमाने पर टिड्डी प्रकोप की आशंका जताते हुए गत वर्ष की तुलना में दो से तीन गुना अधिक प्रभाव की चेतावनी दी है। इस साल पिछले वर्ष प्रभावित हुए 12 जिलों के अलावा अन्य जिलों में भी टिड्डी के पहुंचने की आशंका है। उन्होंने कहा कि हमने पिछले साल बहुत ही बढ़िया तरीके से टिड्डी पर नियंत्रण किया था, लेकिन इस साल और ज्यादा प्रभावी सर्वेक्षण एवं नियंत्रण प्रणाली अपनाने की आवश्यकता होगी।
श्री कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार केन्द्र के साथ पूरा समन्वय स्थापित कर टिड्डी नियंत्रण के लिए सभी जरूरी इंतजाम कर रही है। उन्होंने जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति के माध्यम से सभी तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए। अधिकारी मौके पर पर्याप्त कीटनाशक की उपलब्धता सुनिश्चित करें। व्हाट्स एप ग्रुप बनाकर पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर सांसद तक सभी जनप्रतिनिधियों को जोड़ें, ताकि समय पर टिड्डी की तुरंत सूचना मिल सकें और प्रभावी नियंत्रण किया सके। उन्होंने किसानों का पूरा सक्रिय सहयोग लेने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि टिड्डी प्रभावित जिलों में रिक्त पदों पर अन्य जिलों से कार्मिक नियुक्त किए गए हैं और शीघ्र ही नई भर्ती से चयनित सहायक कृषि अधिकारी एवं कृषि पर्यवेक्षकों को नियुक्ति दी जाएगी जिसके कार्मिकों की कोई कमी नहीं रहेगी।
कृषि मंत्री ने अच्छी बरसात होने की भविष्यवाणी को विभाग और किसानों के लिए खुश खबरी बताते हुए काश्तकारों के लिए समय पर बीज एवं खाद की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
फसल बीमा ऋणी किसानों के लिए भी वैकल्पिक
श्री कटारिया ने बताया कि इस वर्ष से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ऋणी किसानों के लिए भी वैकल्पिक कर दी है। ऋणी किसान यदि स्वयं को बीमा से अलग रखना चाहता है तो उसे आगामी 8 जुलाई तक संबंधित बैंक शाखा को सूचित करना होगा। उन्होंने अधिकारियों को इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। कृषि मंत्री ने रबी फसल कटाई प्रयोग के आंकड़े जल्द उपलब्ध कराने के निर्देश दिए, ताकि नुकसान का आंकलन किया जा सके। उन्होंने तकनीकी वजह से पुराने सालों के अटके कुछ क्लेम भी शीघ्र जारी करवाने के निर्देश दिए।
सभी जिले बनाएं कंटीनजेंसी प्लान, ड्रोन से भी होगा कीटनाशक छिड़काव
प्रमुख शासन सचिव श्री नरेशपाल गंगवार ने बताया कि गत वर्ष 12 जिले टिड्डी से प्रभावित हुए थे, वहां के लिए काफी पहले ही कंटीनजेंसी प्लान तैयार कर लिया है। इस साल नए जिले जुड़ने की आशंका के कारण शेष जिले भी जिला कलक्टर से कंटीनजेंसी प्लान स्वीकृत कराकर मुख्यालय भिजवाएं। उन्होंने सोयाबीन बीज का उचित प्रबंध करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि टिड्डी नियंत्रण के लिए जहां गाड़ियां पहुंचने में मुश्किल होती है वहां ड्रोन से कीटनाशक छिड़काव किया जाएगा। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शीघ्र पूरी कर ली जाएगी।
टिड्डी नियंत्रण के लिए राज्य सरकार की प्रभावी योजना
कृषि आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि इस वर्ष पहली बार 11 अप्रेल को राज्य में टिड्डी दलों का प्रवेश हुआ था और अब तक जैसलमेर, बाड़मेर, श्रीगंगानगर, जोधपुर, नागौर, अजमेर, पाली, बीकानेर, सिरोही एवं भीलवाड़ा जिलों में लगभग 37 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी का प्रभाव रहा है। यहां प्रभावी ढंग से नियंत्रण कर भविष्य के लिए राज्य सरकार की ओर से योजनाबद्ध ढंग से प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि टिड्डियों के नियंत्रण एवं सर्वेक्षण के लिए 70 बोलेरो, 45 बोलेरो केम्पर यूटिलिटी वाहन, 600 ट्रेक्टर माउंटेड स्प्रेयर मय ट्रेक्टर एवं 3 हजार 200 ट्रेक्टर मय पानी के टैंकरों के उपयोग की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। वाहनों का किराये पर संचालन के लिए 5 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। किसानों को शत प्रतिशत अनुदान पर पौध संरक्षण रसायन उपलब्ध कराने के लिए 10 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
खरीफ के लिए खाद-बीज की पर्याप्त व्यवस्था, खरीफ-2019 तक के सभी बीमा क्लेम का भुगतान जून अंत तक
कृषि आयुक्त ने बताया कि गत वर्ष की तरह इस साल भी खरीफ के लिए खाद-बीज की पर्याप्त व्यवस्था है। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप पात्र किसानों को निःशुल्क बीज उपलब्ध कराने के लिए 15 हजार क्विंटल संकर बाजरा बीज के लिए जिलेवार आपूर्ति एवं वितरण आदेश जारी किए जा चुके हैं। साथ ही 25 हजार क्विंटल मक्का बीज की व्यवस्था की जा रही है। डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि फसल बीमा योजना में खरीफ-2019 तक के सभी बीमा क्लेम का भुगतान जून अंत तक कर दिया जाएगा।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कृषि विभाग के संयुक्त शासन सचिव श्री एसपी सिंह सहित अन्य उच्च अधिकारी एवं जिलों में पदस्थापित अधिकारी मौजूद थे।