प्याज एवं लहसुन की खेती हेतु समसामयिक जानकारी दी गई
02 जनवरी 2025, टीकमगढ़: प्याज एवं लहसुन की खेती हेतु समसामयिक जानकारी दी गई – कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. बी.एस. किरार, डॉ. एस.के. सिंह, डॉ. यू.एस. धाकड़ एवं श्री जयपाल छिगारहा के द्वारा किसानों के लिए रबी मौसम में लगाई जाने वाली प्याज एवं लहसुन के लिए समसामयिक जानकारी अंतर्गत प्याज की नर्सरी तैयार होने के पश्चात किसान पौध रोपण कर रहे हैं।
प्याज का रोपण लगभग 65 प्रतिशत किसान कर चुके हैं। 35 प्रतिशत पौध रोपण अभी किसानों के द्वारा किया जा रहा है। नर्सरी तैयार होने के पश्चात 15 सें.मी. कतार से कतार की दूरी एवं 10 सें.मी. पौध से पौध की दूरी (15ग10) पर रोपण करें। पौध रोपण करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पौधे की लंबाई 10 से 12 सेंटीमीटर रहे उससे अधिक नहीं होना चाहिए। यदि पौधे की लंबाई 12 सेंटीमीटर से अधिक है तो ऊपर से पौधे काट देना चाहिए यह क्रिया इसलिए की जाती है जिससे खेत में स्थानांतरित या रोपण करते समय पौध आगे की ओर न झुके। पौध की लंबाई अधिक होने पर जमीन में मजबूती से पकड़ नही बना पाती है साथ ही सिंचाई करते समय पौधे की पत्तियां जमीन के संपर्क में आ जाने के कारण खराब हो जाती है पौध का स्टोमेटा कार्य प्रभावित होता है क्योंकि पौधे सांस लेते हैं पत्तियों में मौजूद छोटे-छोटे छिद्रों को स्टोमेटा कहते है जिसके जरिए पत्तियों की सहायता से पौधे कार्बन डाइऑक्साइड को अंदर लेने और ऑक्सीजन को बाहर निकालते हैं। यदि पौध की लंबाई अधिक होती है तो यह क्रिया सुगमता से नहीं होने के कारण उत्पादन प्रभावित होगा।
जिन किसानों ने प्याज पौधारोपण 35-40 दिन पूर्व कर दिया है नीदा नियंत्रण हेतु क्यूजालोफॉफ एवं ऑक्सीक्लोरोफेन के मिश्रण को खरपतवार नाशी जो डेक्कल के नाम से आता है 25 मि.ली. प्रति 15 लीटर पानी की दर से छिड़कार्य करें। उपरोक्त खरपतवारनाशी का छिड़काव प्याज एवं लहसुन दोनों फसलों में 25 मि.ली. प्रति 15 लीटर पानी की दर से छिड़काव कर सकते हैं। ध्यान रहे की दवा डालते समय खेत में नमी का होना आवश्यक है सूखे खेत में दवा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। प्याज 120 दिन और लहसुन लगभग 150 दिन की फसल होती है। पौध रोपण के 22-25 दिन में सिंचाई के पश्चात 10 कि.ग्रा. नाइटौंजन (22 कि.ग्रा. यूरिया) प्रति एकड़ की दर से टॉप ड्रेसिंग के रूप में किसान छिड़काव करें।
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