रबी फसलों के लिए किसानों को सामयिक सलाह
14 जनवरी 2025, अशोकनगर: रबी फसलों के लिए किसानों को सामयिक सलाह – वर्तमान मौसम को ध्यान में रखकर किसानों को रबी फसलों की सिंचाई एवं फसलों के उचित पोषण के लिए कृषि उप संचालक श्री के. एस. केन एवं कृषि विज्ञान केन्द्र अशोकनगर के वैज्ञानिक डॉ. एच. के. त्रिवेदी द्वारा उपयोगी सलाह दी गई है। यह सलाह अपनाकर किसान रबी फसलों में अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
गेहूँ की फसल में दूसरी सिंचाई बुवाई के 40 से 50 दिन बाद कल्ले निकलते समय करें। साथ ही सिंचाई के बाद ही गेहूँ के खेत में यूरिया का छिड़काव करें, जिससे नाइट्रोजन का समुचित उपयोग हो सके। यूरिया का छिड़काव टॉप ड्रेसिंग सुबह या रात में न करें, क्योंकि ओस की बूंदों से संपर्क में यूरिया आने से पौधों की पत्तियाँ जल जाती हैं। इसलिए दिन के समय यूरिया का छिड़काव करना चाहिए। सरसों को माहू के प्रकोप से बचाने के लिए यह उपाय अपनाएं सरसों -फसल पर माहू कीट का प्रकोप दिखाई देने पर एमिडाक्लोरपिड 0.2 एमएल प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना उचित रहता है।
तापमान में तीव्र गिरावट के कारण पाले की भी आशंका रहती है, इससे बचने के लिए थायो यूरिया 70 ग्राम + सल्फर 30 ग्राम + बोरेक्स 15 ग्राम/पंप का छिड़काव लाभप्रद होता है। चने के खेत में कीट नियंत्रण के लिये “टी” आकार की खूटियां लगाना कारगर उपाय है। फली में दाना भरते समय खूटिया निकाल देना चाहिए। चने की फसल में इल्ली का प्रकोप होने पर इसके नियंत्रण के लिये कीटनाशी दवा फ्लूबैंडामाइड 39.35 प्रतिशत एससी की 100 एमएल प्रति हेक्टेयर या इंडोक्साकार्ब 15.8 प्रतिशत ईसी की 333 एमएल प्रति हेक्टेयर का 400 से 500 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए। धनिया की फसल में स्टेम पिटिका रोग हेतु हेक्साकोनाज़ोल की 2 मि.ली. या टेबुकोनाज़ोल की 1 मि.ली./लीटर मात्रा का घोल बनाकर छिड़काव करें।
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