राज्य कृषि समाचार (State News)

देश में खरीफ बोनी ने पकड़ी रफ्तार

02 जुलाई 2024, भोपाल: देश में खरीफ बोनी ने पकड़ी रफ्तार – कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार प्रमुख फसल धान अब तक 22.73 लाख हेक्टेयर में बोई गई है जबकि गत वर्ष समान अवधि में 22.77 लाख हेक्टेयर में बोनी हुई थी। इसी प्रकार दलहन का रकबा अभी तक 22.54 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो गत वर्ष की समान अवधि में 8.02 लाख हेक्टेयर था, इसमें अरहर की बुवाई 13.02 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि गत वर्ष इसी अवधि में 0.84 लाख हेक्टेयर में बोनी हुई थी।

उड़द की बुवाई अब तक 3.18 लाख हेक्टेयर में की गई है। वहीं मूंग की बुवाई 5.11 लाख हेक्टेयर में हुई है जो गत वर्ष अब तक 4.57 लाख हेक्टेयर में हो गई थी। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष अब तक मोटे अनाज की बुवाई कुछ कम क्षेत्र में हुई है। अब तक 30.89 लाख हेक्टेयर में बोनी हो गई है जबकि गत वर्ष अब तक 36.23 लाख हेक्टेयर में बोनी हुई थी। इसमें मक्का की बुवाई अब तक 23.53 लाख हेक्टेयर में की गई है। गत वर्ष इस अवधि में 8.10 लाख हेक्टेयर में हुई थी। ज्वार 1.53 लाख हेक्टेयर में बोया गया है वहीं बाजरा भी 4.09 लाख हेक्टेयर में बोया गया है।

तिलहन का कुल रकबा 42.93 लाख हेक्टेयर हो गया है जो गत वर्ष अब तक 16.81 लाख हेक्टेयर था। सोयाबीन की बुवाई अब तक गत वर्ष के 1.63 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 33.66 लाख हेक्टेयर में हो गई है जो गत वर्ष से लगभग 32 लाख हेक्टेयर अधिक है। इसी प्रकार मूंगफली की बुवाई 14.56 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 8.19 लाख हेक्टेयर में की गई है जो लगभग 6 लाख हेक्टेयर कम है। सूरजमुखी की बुवाई 37 हजार हेक्टेयर में हुई है।
वहीं गन्ने का रकबा समान अवधि के दौरान 55.45 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 56.88 लाख हेक्टेयर हो गया है। जूट और मेस्टा का रकबा 5.62 लाख हेक्टेयर हो गया है वहीं कपास का रकबा 59.13 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो गत वर्ष इसी अवधि के दौरान 36.30 लाख हेक्टेयर था।

देश में प्रमुख खरीफ फसलों की बुवाई बुवाई
फसलइस वर्ष गत वर्ष
धान22.73 22.77
दलहन22.54 8.02
अरहर13.02 0.84
उड़द3.18 0.51
मूंग5.11 4.57
मोटा अनाज30.89 36.23
मक्का23.53 8.10
बाजरा4.09 25.67
तिलहन42.93 16.81
मूंगफली8.19 14.56
सोयाबीन35.66 1.63
गन्ना56.88 55.45
कपास59.13 36.30
कुल240.72 181.60

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements