राज्य कृषि समाचार (State News)

ज्वार, मूंग, बाजरा की फसलों पर कातरे का खतरा, राजस्थान कृषि विभाग ने बताए नियंत्रण के उपाय

18 जुलाई 2025, भोपाल: ज्वार, मूंग, बाजरा की फसलों पर कातरे का खतरा, राजस्थान कृषि विभाग ने बताए नियंत्रण के उपाय – राजस्थान में खरीफ सीजन के दौरान किसानों ने बड़े पैमाने पर फसलों की बुवाई पूरी कर ली है। ऱाज्य में लगभग 3.77 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ज्वार, बाजरा, मूंग, मक्का, उड़द, तिल, मूंगफली, ग्वार, कपास और हरे चारे जैसी फसलों की बुवाई हो चुकी है। इनमें ज्वार 1,42,368 हेक्टेयर, बाजरा 62,159 हेक्टेयर और मूंग 92,838 हेक्टेयर में बोई गई है। अच्छी बारिश के बाद फसलों की बढ़वार भी शुरू हो गई है, लेकिन इसी के साथ कीटों का खतरा भी मंडराने लगा है।

नमी और बादलों के कारण बढ़ सकता है कीट प्रकोप

कृषि विभाग ने किसानों को सतर्क किया है कि वर्तमान में मौसम में नमी और बादल छाए रहने के कारण फसलों पर रोग और कीटों का प्रकोप बढ़ सकता है। खाद्यान्न और दलहनी फसलों पर खासतौर से कातरा कीट का हमला होने की आशंका है। किसानों को सजग रहने और फसलों की नियमित निगरानी करने की सलाह दी गई है।

मानसून के साथ सक्रिय हो जाता है कातरा कीट

संयुक्त निदेशक कृषि श्री संजय तनेजा ने बताया कि मानसून की बारिश के बाद कातरा कीट के पतंगे जमीन से बाहर निकलने लगते हैं। अगर समय रहते पतंगों को नष्ट कर दिया जाए तो फसलों में कातरे के लार्वा (लट) के प्रकोप को रोका जा सकता है। यह कीट शुरुआती अवस्था में पत्तियों को खुरचते हैं जिससे पत्तों पर सफेद धब्बे जैसे निशान बनते हैं। पूरी तरह विकसित लार्वा पत्तों के साथ फूल और बढ़ते फल भी खा जाते हैं, जिससे फसल को भारी नुकसान होता है।

कातरा कीट नियंत्रण के लिए ये अपनाएं उपाय

कृषि अधिकारी श्री पुष्पेंद्र सिंह ने किसानों को कातरा कीट नियंत्रण के लिए यांत्रिक और रासायनिक दोनों उपाय अपनाने की सलाह दी है।

यांत्रिक उपाय:

1. अंडों और लार्वा को हाथ से चुनकर नष्ट करें।
2. लाइट ट्रैप का उपयोग करें ताकि वयस्क पतंगों को मारा जा सके।
3. खेतों के आसपास झाड़ियों, बंजर भूमि और चारागाह में उगे जंगली पौधों को साफ करें।
4. खेत के किनारों पर खाई खोदकर कीटों के प्रवेश को रोका जा सकता है।

रासायनिक उपाय:

1. जब कीट का प्रकोप आर्थिक क्षति स्तर (ETL) से अधिक हो जाए तब दवा का इस्तेमाल करें।
2. पहली और दूसरी अवस्था के लार्वा नियंत्रण के लिए क्विनालफॉस 1.5% चूर्ण का 25 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से भुरकाव करें।
3. पानी की उपलब्धता होने पर क्विनालफॉस 25 ईसी 625 मिलीलीटर या क्लोरोपायरीफॉस 20 ईसी एक लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।

किसानों के लिए सलाह

कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे फसलों की नियमित निगरानी करें और समय रहते कीट नियंत्रण के उपाय अपनाकर अपनी फसलों को बचाएं। मौसम की वर्तमान स्थिति को देखते हुए फसलों में किसी भी प्रकार के कीट लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी कृषि अधिकारी से संपर्क करें।

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