राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्य प्रदेश में चलाया जाएगा ‘जल-हठ’ अभियान – मंत्री श्री सिलावट

12 फरवरी 2024, भोपाल: मध्य प्रदेश में चलाया जाएगा ‘जल-हठ’ अभियान – मंत्री श्री सिलावट – प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के प्रत्येक ग्राम में “हर घर जल” पहुंचाने के लिए वर्ष 2019 में जल जीवन मिशन शुरू किया गया। इस मिशन की पूर्ण सफलता के लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में “जल-हठ” अभियान जन आंदोलन के रूप में चलाया जाएगा। जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा है कि इसमें सरकार और समाज की भागीदारी से हर गांव, हर नगर में पुराने तालाबों एवं अन्य जल स्रोतों का उन्नयन, विकास, सौंदर्यीकरण, गहरीकरण कराया जाएगा तथा जल स्रोतों के आस पास किए गए अतिक्रमण को हटाकर वृक्षारोपण किया जाएगा।

जल संसाधन मंत्री श्री सिलावट ने इस संबंध में विभागीय प्रस्ताव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल को उनके निवास पहुंचकर प्रदान किया तथा अनुरोध किया कि प्रदेश के प्रत्येक ग्राम में “जल-हठ” अभियान को जन आंदोलन के रूप में चलाया जाए। मंत्री श्री पटेल ने आश्वस्त किया के  प्रदेश की हर ग्राम पंचायत में जल स्रोतों के संरक्षण एवं जल संवर्धन को जन आंदोलन का रूप दिया जाएगा।

Advertisement
Advertisement

अभियान के अंतर्गत जल स्रोतों के अतिक्रमणों को प्राथमिकता से हटाया जाएगा। प्रदेश के तालाबों एवं अन्य जल स्रोतों में अतिक्रमण से उनका कैचमेंट एरिया समाप्त होता जा रहा है, जिससे जल स्रोतों में प्रदूषण की समस्या बढ़ रही है तथा सिंचाई एवं पीने का पानी कम हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के छोटे-छोटे नदी नालों में पहले वर्ष भर जल संरक्षित रहता था, ये नदी नाले अब समाप्तप्राय हो गए हैं। वर्षा के जल को संरक्षित करने एवं भूजल उन्नयन के लिए इन्हें पुनर्जीवित करना अत्यंत आवश्यक है।

‘जल-हठ ‘ अभियान के अंतर्गत प्रदेश के सभी जिलों में प्राकृतिक जल स्रोतों, तालाबों के पुनर्जीवन कार्य के  लिए उन्हें चिन्हित कर विभागीय योजना बनाई जाएगी और समाज के विभिन्न वर्गों एवं स्वेच्छिक  संगठनों के सहयोग से इसे जन आंदोलन के रूप में चलाया जाएगा। अभियान में सभी जनप्रतिनिधियों , सामाजिक/ सांस्कृतिक संगठनों, खेल संस्थाओं, शैक्षणिक संस्थानों, संत महंतों तथा बुद्धिजीवी वर्ग का भी पूरा सहयोग लिया जाएगा।

Advertisement8
Advertisement

मध्य प्रदेश में जल संरक्षण एवं संवर्धन की समृद्धशाली परंपरा रही है। प्रदेश की चंदेल एवं गोंड कालीन जल संरक्षण प्रणाली न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध रही। हमने प्रदेश में सिंचाई साधनों की बढ़ोतरी में आशातीत सफलता पाई है। वहीं तालाबों के पुनर्जीवन और जीर्णोद्धार के लिए कई व्यापक कार्य किए गए हैं। सरकार की प्राथमिकता प्राकृतिक जल स्रोतों एवं तालाब को बचाने की है और उसके लिए हम योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहे हैं।

Advertisement8
Advertisement

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्राम)

Advertisements
Advertisement5
Advertisement