मध्य प्रदेश में नरवाई प्रबंधन यंत्रो के लिये कृषि अभियांत्रिकी वेबसाइट पर किसान पंजीयन कर आवेदन करें
03 अक्टूबर 2024, भोपाल: मध्य प्रदेश में नरवाई प्रबंधन यंत्रो के लिये कृषि अभियांत्रिकी वेबसाइट पर किसान पंजीयन कर आवेदन करें – कृषक बंधु गेहूँ, सोयाबीन, मक्का एवं धान आदि की फसल आने पर हॉर्वेस्टर चलने के बाद खेत में बचे हुए शेष फसल अवशेष (नरवाई) को जलाते हैं, जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है। मिट्टी के पोषक तत्व एवं लाभ दायक जीवाणु भी नष्ट हो जाते हैं। इसके बचाव के लिए फसल के अवशेष (नरवाई) प्रबंधन करना अति आवश्यक है।
मध्य प्रदेश के संचालक कृषि अभियांत्रिकी श्री राजीव चौधरी ने बताया नरवाई प्रबंधन के लिए नवीन कृषि यंत्रों का प्रयोग करना लाभ दायक है जैसे- रोटावेटर, मल्चर, श्रेडर के उपयोग से फसल अवशेष (डंढल) को मिट्टी में मिला देतें हैं। सुपर सीडर यंत्र एक ऐसा नवीन कृषि यंत्र है जिसमें धान फसल की कटाई के बाद बिना खेत की तैयारी के रबी फसल की बोनी कर सकते हैं, जिसमे समय एवं श्रम कम लगता है। स्ट्रॉ-रीपर यंत्र से गेंहूँ की हॉर्वेस्टर से कटाई करने के बाद खड़ी नवाई में इस मशीन का उपयोग करने से पशुओं के लिए भूसा तैयार किया जाता है एवं नरवाई को जलाना नहीं पड़ता ।
श्री चौधरी ने कहा इन यंत्रों के उपयोग से नरवाई प्रबंधन के साथ-साथ मिट्टी की जलधारण क्षमता एवं जीवांश की मात्रा बढ़ जाती है। इससे मिट्टी की उपज बढ़ने के साथ-साथ पशुओं के आहर की उपलब्धता हो जाती है। उपरोक्त सभी नरवाई प्रबंधन यंत्रो पर कृषि अभियांत्रिकी म.प्र. द्वारा अनुदान दिया जाता है। कृषि अभियांत्रिकी की वेबसाइट dbt.mpdage.org पर जाकर किसान अपना पंजीयन कर उपरोक्त यंत्रों के लिए आवेदन कर सकते हैं।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: