जैन इरिगेशन की टिश्यू कल्चर तकनीक से केले की उन्नत खेती को मिली नई दिशा
निमाड़ क्षेत्र में राष्ट्रीय केला दिवस आयोजित
19 अप्रैल 2025, इंदौर: जैन इरिगेशन की टिश्यू कल्चर तकनीक से केले की उन्नत खेती को मिली नई दिशा – हर वर्ष अप्रैल माह के तीसरे बुधवार को राष्ट्रीय केला दिवस के रूप में मनाया जाता है, इस अवसर पर निमाड़ क्षेत्र विशेषकर बुरहानपुर, बड़वानी, धार और खरगोन जिलों में विशेष आयोजन किए गए, क्योंकि यह क्षेत्र न केवल मध्य प्रदेश में बल्कि पूरे देश में केले की खेती के लिए प्रसिद्ध है, यहाँ के किसानों की सफलता की कहानी में केले की फसल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है,
मध्य प्रदेश में केले का रकबा और उत्पादन – वर्तमान में निमाड़ क्षेत्र में लगभग 2500 हेक्टेयर भूमि पर केले की खेती की जा रही है, जैन इरिगेशन सिस्टम्स लिमिटेड द्वारा किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले टिश्यू कल्चर केले के पौधे प्रदान किए जाते हैं, जो 100% रोगमुक्त होते हैं, आधुनिक पद्धति से पौधों को 6×5 फीट की दूरी पर रोपित किया जाता है, जिससे प्रति एकड़ लगभग 1500 से 1600 पौधे लगाए जाते हैं,
ड्रिप इरिगेशन से सिंचित फसल– इस तकनीकी खेती में ड्रिप इरिगेशन प्रणाली के माध्यम से आवश्यक खाद और पानी दिया जाता है, रोपण के लगभग छह महीने बाद पौधों में फूल आ जाते हैं और 9 से 10 महीने में फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है, एक एकड़ में औसतन 30 से 35 टन तक उत्पादन प्राप्त किया जाता है।
विदेशों तक पहुंचा निमाड़ का केला- निमाड़ का केला न केवल देश के विभिन्न हिस्सों, जैसे उत्तर भारत, दिल्ली, पंजाब, आदि में खपत होता है, बल्कि ईरान, इराक, दुबई और यूरोप जैसे देशों में भी निर्यात किया जा रहा है। मदर डेयरी, रिलायंस जैसी प्रमुख कंपनियाँ यहाँ के केले को प्राथमिकता देती हैं।
तकनीकी खेती से मिली उच्च गुणवत्ता- केले की यह उन्नत खेती कोई साधारण प्रक्रिया नहीं है, इसके पीछे टिश्यू कल्चर तकनीक, बेड प्रिपरेशन, टपक सिंचाई (ड्रिप इरिगेशन) और वैज्ञानिक खाद प्रबंधन जैसी कई तकनीकों का उपयोग किया जाता है, जो इसकी गुणवत्ता को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाते हैं।
केले की खेती में चुनौतियां ओर सावधानियां- हालांकि, जैसे-जैसे केले का रकबा बढ़ रहा है, CMV वायरस, सिगाटोका (करपा रोग), और पनामा विल्ट जैसी बीमारियां भी किसानों के लिए चुनौती बन रही हैं, आवश्यकता है कि सरकार और वैज्ञानिक संस्थाएँ इन चुनौतियों से निपटने के लिए विशेष प्रयास करें।
स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है केला– केला एक अत्यंत पौष्टिक फल है, जो विटामिन्स, कैल्शियम और पोटेशियम जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है, यह फल हमारे पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है, इसके नियमित सेवन से हृदय स्वस्थ रहता है और यह वजन नियंत्रण में भी सहायक होता है, स्वास्थ्य की दृष्टि से केला एक सम्पूर्ण आहार माना जाता है।
जैन इरिगेशन की सक्रिय भागीदारी– राष्ट्रीय केला दिवस के इस आयोजन में जैन इरिगेशन से श्री अज़हर ज़ैदी , श्री साईं ट्रेडर्स और सक्कु दरबार की ओर से विशेष सहयोग रहा। साथ ही क्षेत्र के वरिष्ठ किसान श्री तुलसीराम , श्री काशीराम काका, श्री झक्कू दरबार, श्री राकेश भाई, पार्षद श्री इशू भाई समेत अनेक किसानों ने उपस्थिति देकर आयोजन को सफल बनाया व इस दिवस के मौके पर पर क्षेत्र में गरीब व अन्य लोगों को केले खिलाए गए।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: