राज्य कृषि समाचार (State News)

आईटी पार्क के दूसरे चरण का काम पीपीपी मॉडल पर शुरू करने के निर्देश

03 मई 2025, उज्जैन: आईटी पार्क के दूसरे चरण का काम पीपीपी मॉडल पर शुरू करने के निर्देश – मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा बनाए जा रहे आईटी पार्क के फाउंडेशन वर्क का काम पूरा हो गया है। पहले चरण में 46 करोड़ रुपए इस निर्माण पर खर्च किए जा रहे है। साथ ही दूसरे चरण का काम पीपीपी मॉडल पर शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत 2.161 हेक्टेयर जमीन पर शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के सामने बनने वाले शहर के पहले आईटी पार्क का काम वर्तमान में जोर-शोर से जारी है। ले-आउट डालने और खुदाई के बाद अब फाउंडेशन का काम भी पूरा कर लिया गया है। पहले चरण में निर्माण पर 46 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसका निर्माण मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के माध्यम से हो रहा है।

इसके अलावा सीएम ने पार्क के दूसरे चरण का काम पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर शुरू करने के निर्देश भी दे दिए हैं। दरअसल, 21 दिसंबर को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आईटी पार्क का भूमिपूजन किया था। उन्होंने कहा था कि आईटी पार्क शहर के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। भगवान महाकाल की धार्मिक-पर्यटन नगरी अब आईटी नगरी के रूप में भी जानी जाएगी। यह पार्क संपूर्ण मालवांचल के युवाओं को तकनीकी रोजगार और नवाचार के अवसर उपलब्ध करवाएगा। आईटी पार्क 2.161 हेक्टेयर जमीन पर बन रहा है। इसमें 11239 वर्ग मीटर में बिल्डिंग बनेगी जिसकी ऊंचाई 31.7 मीटर होगी। हर फ्लोर पर टॉयलेट, कैफेटेरिया, ड्रिंकिंग वाटर, लिफ्ट और ऑफिस के लिए हाईटेक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके अलावा डिजाइन में केंटिलीवर छज्जे, वक्राकार रेखाएं, गहराई का आभास देने वाले वैनिशिंग पॉइंट्स और दोहराने वाले पेटर्न शामिल होंगे। MPIDC के अधिकारी राजेश राठौर ने बताया कि आईटी पार्क के बनने से कई बड़ी कंपनियों के ऑफिस यहां खुलेंगे जिससे करीब 2 हजार जॉब्स जनरेट होगी। ऐसे में आईटी सेक्टर से जुड़े वह युवा जो शहर छोडक़र नौकरी के लिए हैदराबाद, बैंगलुरू, इंदौर जाते थे उनका पलायन रोकने में मदद मिलेगी, वहीं आर्थिक गतिविधियों में भी विविधता आएगी। आईटी पार्क में टेक कंपनियों और स्टार्टअप को सभी प्रकार की एडवांस सुविधाएं मिलेंगी।

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