बीजोपचार से बढ़ाएं फसल उत्पादन: कृषि विशेषज्ञ
22 जून 2024, अजमेर: बीजोपचार से बढ़ाएं फसल उत्पादन: कृषि विशेषज्ञ – ग्राहृय परीक्षण केन्द्र तबीजी फार्म के उप निदेशक कृषि (शस्य) मनोज कुमार शर्मा ने कहा कि बीज पादप जीवन का मुख्य आधार हैं और कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए उत्तम बीज का महत्वपूर्ण स्थान है। पौधों का जीवन चक्र बीज से शुरू होता है, इसलिए बीज का स्वस्थ होना अत्यावश्यक है। बाजरा, ज्वार, मक्का, मूंगफली, तिल, ग्वार, मूंग, उड़द और मोठ जैसी खरीफ फसलों को रोगों और कीटों से बचाने के लिए विभागीय सिफारिश के अनुसार बीजोपचार करना जरूरी है। बीजोपचार करते समय हाथों में दस्ताने, मुंह पर मास्क और पूरे वस्त्र पहनने की सलाह दी गई है।
कृषि अनुसंधान अधिकारी (पौध व्याधि) डॉ. जितेन्द्र शर्मा ने बताया कि इन फसलों में बीज से और मृदा से रोगों एवं कीटों का प्रकोप होता है। इनसे बचाव के लिए उत्तम बीज के चुनाव के बाद बीजोपचार करना आवश्यक है। बीजोपचार बीज जनित और मृदा जनित रोगों और कीटों को रोकने का सबसे सरल, सस्ता और प्रभावी तरीका है। इस प्रक्रिया में बीज को बोने से पहले रासायनिक कवकनाशियों, कीटनाशियों और जैविक कारकों की निश्चित मात्रा से शोधन किया जाता है, जिससे बीज पर एक सुरक्षात्मक परत बन जाती है।
बीजोपचार की विधि
बीजों को कवकनाशी, कीटनाशी और जीवाणु कल्चर व ट्राइकोडर्मा से निर्धारित क्रम में उपचारित करना चाहिए। इससे बीज की सुरक्षा बढ़ती है और अंकुरण क्षमता में भी वृद्धि होती है, जिससे उत्पादन में भी वृद्धि होती है। बीजोपचार करने से न सिर्फ बीज रोगों और कीटों से सुरक्षित रहता है, बल्कि इससे फसल की उत्पादकता भी बढ़ती है।
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