‘राष्ट्रीय किसान दिवस एवं सोया कृषक दिवस’ के आयोजन में
सोयाबीन अनुसंधान संस्थान ने सोयाबीन की विकसित किस्मों के बीज वितरित किए
24 दिसंबर 2024, इंदौर: ‘राष्ट्रीय किसान दिवस एवं सोया कृषक दिवस’ के आयोजन में – भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर द्वारा ‘राष्ट्रीय किसान दिवस एवं सोया कृषक दिवस’ का आयोजन किया गया, जिसमें मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान के लगभग 650 कृषकों ने भाग लिया। इस दौरान सोयाबीन की विकसित किस्मों के बीज चुनिंदा किसानों को वितरित किए गए।
डॉ. बी.यू.दुपारे ने बताया कि तकनीकी प्रचार प्रसार एवं हस्तान्तरण हेतु क्रियान्वित परियोजना ‘मेरा गाँव, मेरा गौरव ‘, अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन, सोया सीड हब एवं आईसीएआर आदर्श ग्राम के माध्यम से इस वर्ष मध्य प्रदेश के कुल 18 जिलों में 430 प्रदर्शन लगाए गए थे , जिसमें मध्यम समय अवधि वाली एनआरसी -142 तथा कम समय समय अवधि वाली एनआरसी -130 का उत्पादन क्रमशः 23-25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तथा 16-18 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहा | इस वर्ष के कार्यक्रम में भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान एवं जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर द्वारा विकसित किस्में जेएस 22-12, जेएस 22-16, जेएस 23-03 एवं एनआरसी -150 के बीज को सोशल मीडिया से जुड़े चुनिंदा किसानों को छोटी- छोटी थैलियों में उपलब्ध कराया गया |
इस अवसर पर कृषक संगोष्ठी भी आयोजित हुई जिसमें संस्थान के वैज्ञानिक डॉ राघवेन्द्र नर्गुन्द, डॉ लोकेश कुमार मीना, डॉ संजीव कुमार एवं डॉ मृणाल कुचलान ने सोयाबीन की नवीनतम कृषि पद्धतियां , कीट एवं रोग नियंत्रण तथा ग्रीष्मकालीन बीजोत्पादन पर जानकारी दी | इस वर्ष संस्थान के सोयाबीन बीजोत्पादन कार्यक्रम के अंतर्गत अधिकाधिक सोयाबीन उत्पादन प्राप्त करने वाले पांच सोया कृषक श्री विजयेन्द्र सिंह चौहान, श्री योगेन्द्र सिंह चौहान (ग्राम पानोड़, इंदौर), श्री मुकेश कामदार (ग्राम कड़ोद कला, धार), श्री रोहित अंजना (ग्राम विनायागा, उज्जैन), श्री जितेंद्र पटेल (ग्राम बिचौली हप्सी, इंदौर) को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ के.एच.सिंह ने कहा कि देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न श्री चौधरी चरण सिंह की जन्म तिथि के अवसर पर विगत वर्ष आयोजित ‘ राष्ट्रीय किसान दिवस ‘ पर एनआरसी -150, एनआरसी -165, एवं एनआरसी -181 जैसी सोया किस्मों का बीज उपलब्ध किया गया था, जिसकी बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली | इसी आधार पर इस वर्ष शीघ्र समय में पकने वाली एनआरसी – 150, जेएस 22-12, जेएस 22-16, जेएस 23-03 नामक सोया किस्मों की 1500 थैलियां वितरित की गई हैं। उन्होंने कहा कि इस बीज को ग्रीष्म कालीन जनवरी माह में बोवनी कर अप्रैल तक 10 गुना बीज बढ़ाया जा सकता है , जिसे खरीफ के दौरान वृहद स्तर पर बोवनी हेतु उपयोग किया जायेगा | कार्यक्रम का संचालन श्री श्याम किशोर वर्मा ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ पूनम कुचलान ने दिया ।
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