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छत्तीसगढ़ में गौठान द्वारा जमा पूंजी से गोबर खरीदना, गोधन न्याय योजना की सफलता : श्री बघेल

मुख्यमंत्री ने 57वीं किस्त के रूप में किया 7.83 करोड़ रूपए का ऑनलाईन भुगतान

15 दिसम्बर 2022, रायपुर । गौठान द्वारा जमा पूंजी से गोबर खरीदना, गोधन न्याय योजना की सफलता : श्री बघेल – मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि गौठानों द्वारा खुद की जमा पूंजी से गोबर खरीदना गोधन न्याय योजना की बड़ी सफलता है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के आधे से अधिक गौठान स्वयं के संसाधनों से गोबर की खरीदी कर रहे हैं। राज्य शासन को इन गौठानों को गोबर खरीदने के लिए राशि देने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। गोबर विक्रेताओं को भुगतान की गई 4.62 करोड़ रुपए की राशि में से 4270 स्वावलंबी गौठानों द्वारा 2.88 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया तथा कृषि विभाग द्वारा 1.74 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। पिछले पखवाड़े में गोबर खरीदी के लिए प्रदेश के स्वावलंबी गौठनों ने कृषि विभाग की तुलना में अधिक राशि का भुगतान किया है। स्वावलंबी गौठानों द्वारा अब तक अपने संसाधनों से 29.61 करोड़ रूपए की राशि से गोबर की खरीदी की गई है।

मुख्यमंत्री श्री बघेल निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को राशि के अंतरण के लिए आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में हितग्राहियों को 7 करोड़ 83 लाख रूपए का ऑनलाईन भुगतान किया। इस राशि में 16 नवम्बर से 30 नवम्बर तक गौठानों में गोबर विक्रेता पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए गोबर के एवज में उनके खाते में 4 करोड़ 62 लाख रूपए की राशि ऑनलाईन अंतरित की। इसी प्रकार गौठान समितियों को एक करोड़ 28 लाख रुपए तथा महिला समूहों के खाते में एक करोड़ 93 लाख रूपए की लाभांश राशि अंतरित की गई। कार्यक्रम में कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. अय्याज तम्बोली, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के मिशन संचालक श्री अवनीश शरण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव श्री गौरव कुमार सिंह भी उपस्थित थे।

कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि प्रदेश में 11 हजार 252 गौठानों को स्वीकृति दी गई है, जिनमें से 9 हजार 619 गौठान निर्मित किए गए हैं, इनमें से ग्रामीण क्षेत्रो में 8440 गौठान निर्मित किए गए हैं। इन गौठानों में से 4270 गौठान स्वावलंबी हो गए हैं। गोबर खरीदी, वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन और वितरण का काम विभिन्न विभागों के समन्वय से किया जा रहा है। आने वाले समय में वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन छत्तीसगढ़ में एक बड़ा अभियान बनेगा। उन्होंने कहा कि रीपा की गतिविधियों को युवाओं को जोडक़र और अधिक बढ़ाया जाएगा।

गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. अय्याज तम्बोली ने बताया कि गोबर खरीदी के एवज में गोधन न्याय योजना शुरू होने के बाद से अब तक 188.45 करोड़ रूपए तथा गौठान समितियों और महिला स्व सहायता समूहों को लाभांश की राशि के रूप में 170.05 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि अब तक गौठानों में 19.82 लाख क्ंिवटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया है।इसमें से 16.24 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय किया जा चुका है। डॉ. तम्बोली ने बताया कि गौठानों में अब तक पैरादान से 2.25 लाख क्ंिवटल पैरा मिला है।

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